मन की बात के 123वें एपिसोड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि डब्ल्यूएचओ ने भारत को ट्रेकोमा मुक्त देश घोषित किया है। यह हमारे स्वास्थ्य कर्मियों की सफलता है। जल जीवन मिशन ने इसमें योगदान दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मासिक कार्यक्रम मन की बात में कहा कि हमने इस बार योग की कितनी ही आकर्षक तस्वीरें देखी हैं। विशाखापत्तनम के समुंद्र तट पर 3 लाख लोगों ने एक साथ योग किया। विशाखापट्टनम से ही एक और अद्भुत दृश्य सामने आया। 2000 से ज्यादा आदिवासी छात्रों ने 108 मिनट तक 108 सूर्य नमस्कार किए। सोचिए कितना अनुशासन, कितना समर्पण रहा होगा। हमारे नौसेना के जहाजों पर भी योग की भव्य झलक दिखी।
3000 दिव्यांगों ने एक साथ योग किया
तेलंगाना में 3000 दिव्यांग साथियों ने एक साथ योग शिविर में भाग लिया। उन्होंने दिखाया कि कैसे योग सशक्तिकरण का माध्यम भी है। दिल्ली के लोगों ने योग को स्वच्छ यमुना के संकल्प के साथ जोड़ा और यमुना तट पर जाकर योग किया। जम्मू-कश्मीर में चेनाब ब्रिज, जो दुनिया का सबसे ऊंचा ब्रिज है वहां भी योग किया। हिमालय की बर्फिली चोटियां और आईटीबीपी के जवान, वहां भी योग दिखा। साहस और साधना साथ-साथ चले।
करोड़ों लोगों ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस में हिस्सा लिया
पीएम मोदी ने कहा कि आप सभी इस समय योग की ऊर्जा और अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की स्मृतियों से भरे होंगे। इस बार भी 21 जून को देश दुनिया के करोड़ों लोगों ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस में हिस्सा लिया। आपको याद है 10 साल पहले इसका प्रारंभ हुआ। 10 साल में ये सिलसिला हर साल पहले से भी ज्यादा भव्य बनता जा रहा है। यह इस बात का भी संकेत है कि ज्यादा से ज्यादा लोग अपने दैनिक जीवन में योग को अपना रहे हैं।
आपातकाल थोपने वाले हार गए
मोदी ने कहा, कुछ दिन पहले देश में आपातकाल लागू हुए 50 साल पूरे हुए और हम देशवासियों ने ‘संविधान हत्या दिवस’ मनाया। हमें उन लोगों को याद करना चाहिए जिन्होंने आपातकाल के खिलाफ बहादुरी से लड़ाई लड़ी। यह हमें अपने संविधान की रक्षा के लिए सतर्क रहने की प्रेरणा देता है। आप कल्पना कर सकते हैं वह दौर कैसा था। इमरजेंसी लगाने वालों ने न केवल हमारे संविधान की हत्या की बल्कि उनका इरादा न्यायपालिका को अपना गुलाम बाए रखने का था। इस दौरान लोगों को बड़े पैमाने पर प्रताड़ित किया गया था। इसके ऐसे अनेक उदाहरण हैं जिन्हें कभी भी भुलाया नहीं जा सकता। जॉर्ज फ़र्नान्डिस साहब को जंजीरों में बांधा गया था। अनेक लोगों को कठोर यातनाएं दी गईं। MISA के तहत किसी को भी ऐसे ही गिरफ्तार कर लिया जाता था। उस दौर में जो हजारों लोग गिरफ्तार किए गए, उन पर ऐसे ही अमानवीय अत्याचार हुए लेकिन ये भारत की जनता का सामर्थ्य है कि वो झुकी नहीं, टूटी नहीं और लोकतंत्र के साथ कोई भी समझौता उसने स्वीकार नहीं किया। आखिरकार जनता-जनार्दन की जीत हुई, आपातकाल हटा लिया गया और आपातकाल थोपने वाले हार गए।