सीएम अरविंद केजरीवाल के सहयोगी बिभव कुमार की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी की। कोर्ट ने कहा कि क्या सीएम का बंगला निजी आवास है। क्या ऐसे गुंडों की कार्यालय में आवश्यकता है। स्वाति मालीवाल के रुकने पर भी यह आदमी नहीं रुका। उसके सिर पर क्या सवार था। अगर पीडि़ता को वहां रहने का अधिकार नहीं था, तो उसको भी नहीं था। उसको ऐसा करते हुए शर्म नहीं आई।
गुंडे का सीएम आवास में क्या काम? बिभव पर सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी
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