बिहार के 14 वर्षीय क्रिकेट सनसनी वैभव सूर्यवंशी ने अपनी विस्फोटक बल्लेबाजी से पूरे खेल जगत को हिला दिया है। बुधवार को विजय हजारे ट्रॉफी में अरुणाचल प्रदेश के खिलाफ मात्र 84 गेंदों में 190 रनों की ऐतिहासिक पारी खेलने के बाद, कांग्रेस सांसद और क्रिकेट प्रेमी शशि थरूर ने उनकी तुलना महान सचिन तेंदुलकर से कर दी है, जिससे सोशल मीडिया पर एक नई बहस छिड़ गई है।
शशि थरूर का ट्वीट: “आखिरी बार सचिन ऐसा था”
शशि थरूर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (ट्विटर) पर वैभव की सराहना करते हुए सीधे चयनकर्ताओं से सवाल पूछा। उन्होंने लिखा, “पिछली बार जब किसी 14 वर्षीय खिलाड़ी ने इतनी असाधारण प्रतिभा (Prodigious talent) दिखाई थी, तो वह सचिन तेंदुलकर थे—और हम सब जानते हैं कि उनका भविष्य क्या हुआ। अब किस बात का इंतज़ार है? वैभव सूर्यवंशी को टीम इंडिया में लाओ!”
थरूर ने अपने इस पोस्ट में बीसीसीआई (BCCI), चयन समिति के अध्यक्ष अजीत अगरकर, मुख्य कोच गौतम गंभीर और स्वयं सचिन तेंदुलकर को भी टैग किया है।
वैभव की रिकॉर्डतोड़ पारी
वैभव ने अपनी 190 रनों की पारी के दौरान कई कीर्तिमान स्थापित किए:
- सबसे तेज़ शतक: उन्होंने मात्र 36 गेंदों में अपना शतक पूरा किया।
- छक्कों की बरसात: अपनी पारी में उन्होंने 15 गगनचुंबी छक्के और 16 चौके जड़े।
- ऐतिहासिक टोटल: उनकी इस पारी की बदौलत बिहार ने 6 विकेट पर 574 रन बनाए, जो विजय हजारे ट्रॉफी के इतिहास का सबसे बड़ा टीम स्कोर है।
क्या वैभव अभी खेल सकते हैं टीम इंडिया के लिए?
शशि थरूर की मांग के बीच एक तकनीकी पेंच भी सामने आया है। ICC (इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल) के 2020 में लागू हुए नियमों के अनुसार, किसी भी खिलाड़ी के अंतरराष्ट्रीय डेब्यू के लिए न्यूनतम आयु 15 वर्ष होनी चाहिए।
- वैभव वर्तमान में 14 वर्ष के हैं।
- वह 27 मार्च 2026 को 15 साल के होंगे। ऐसे में, थरूर की मांग के बावजूद वे अगले साल मार्च से पहले भारतीय सीनियर टीम के लिए मैदान पर नहीं उतर सकेंगे।
विशेषज्ञों की राय
पूर्व क्रिकेटर आकाश चोपड़ा ने भी वैभव की प्रतिभा को ‘असाधारण’ बताया है। विशेषज्ञों का मानना है कि अंडर-19 एशिया कप के फाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ मिली विफलता के तुरंत बाद घरेलू क्रिकेट में ऐसी वापसी वैभव की मानसिक मजबूती को दर्शाती है।
राजस्थान रॉयल्स ने आईपीएल 2025 की नीलामी में वैभव को ₹1.10 करोड़ में खरीदा है, जिससे वे आईपीएल इतिहास के सबसे युवा खिलाड़ी भी बन गए हैं।


