दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने पुजारी ग्रंथी सम्मान योजना पर कहा कि पिछले कई सालों से भारतीय जनता पार्टी लगातार दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार का मंदिर के पुजारियों और ग्रंथियों को वेतन देने की मांग को लेकर घेराव कर रही थी। मंदिर के पुजारी,संतों ने भी घेराव किया। लेकिन अरविंद केजरीवाल ने एक नहीं सुनी। इस मामले को लेकर भारतीय जनता पार्टी कोर्ट में लेकर गई।
हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी
सचदेवा ने कहा कि हमने 2022 और 2024 में हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी जिसमें एक विषय रखा कि क्या कारण है कि दिल्ली की सरकार 2013 से मौलवियों और इमामों को वेतन दे रही है, जबकि पंडित, पुजारियों और ग्रंथियों को वेतन क्यों नहीं दे रहे हैं? उस कोर्ट की अगली तारीख 21 तारीख है। अब जब उनको लग रहा है कि कोर्ट में जवाब देना पड़ेगा और चुनाव सिर पर है, खाली मौलवियों और इमामों से गुजारा नहीं चलेगा तो अब इन्होंने भगवान राम नाम का सहारा लेने लगे। इसलिए आज उन्होंने ये घोषणा की है। सचदेवा ने कहा कि हमारा मानना है कि जब भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनेगी तो सबसे पहले ग्रंथियों और पुजारियों को वेतन दिया जाएगा।
यह है केजरीवाल की योजना
आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने चुनावी दांव चलते हुए जिस योजना का ऐलान किया है, उसका नाम पुजारी ग्रंथी सम्मान योजना है। इसके तहत मंदिरों के पुजारियों और गुरुद्वारे के ग्रंथियों को हर महीने सम्मान राशि देने का प्रावधान है। उन्हें लगभग 18,000 रुपए प्रति माह सम्मान राशि दी जाएगी।