जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्यों में हाल ही में हुई भारी बर्फबारी के कारण मैदानी इलाकों तक ठंडी हवाएँ पहुँच रही हैं, जिससे कड़ाके की ठंड पड़ रही है। पर्वतीय क्षेत्रों में बर्फबारी के चलते जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड और हिमाचल में कई जगहों पर न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे चला गया है। श्रीनगर में न्यूनतम तापमान -4.6 और शोपियां में -6.4 दर्ज किया गया।
हिमालयी क्षेत्रों से आ रही ठंडी हवाओं के कारण दिल्ली-एनसीआर, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान जैसे मैदानी राज्यों में शीतलहर और घने कोहरे की स्थिति लगातार गंभीर होती जा रही है। सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) और चक्रवाती प्रणालियों के कारण पहाड़ों से लेकर मैदानी राज्यों तक ठंड का असर गहराया है।
नए पश्चिमी विक्षोभ का असर
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, इस समय उत्तर-पश्चिम भारत पर एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ का आंशिक प्रभाव है, जिससे अगले दो-तीन दिनों तक आंशिक रूप से बादल छाए रह सकते हैं, और शीतलहर की स्थिति बनी रहेगी। एक अधिक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ लगभग 17 से 18 दिसंबर के आसपास क्षेत्र को प्रभावित कर सकता है।
इस ताकतवर सिस्टम के गुजरने के बाद, 20 या 21 दिसंबर से उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत में तापमान में और भी तेज़ गिरावट दर्ज होने की संभावना है, जिससे सर्दी का एक नया और अधिक ठंडा दौर शुरू होगा। पश्चिमी विक्षोभ एक प्रकार की अ-मानसूनी तूफ़ानी प्रणाली है जो भूमध्य सागर से उत्पन्न होती है और सर्दियों में भारत में बारिश/बर्फबारी लाती है।


