लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के एक कमांडर अब्दुल रऊफ का एक वीडियो सामने आया है जिसमें वह कथित तौर पर कश्मीर में आतंकवाद का महिमामंडन कर रहा है और मुसलमानों से एकजुट होने का आह्वान कर रहा है। यह वीडियो ऑपरेशन सिंदूर के बाद सामने आया है, जिसमें भारत ने पाकिस्तान के भीतर आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई की थी। इस वीडियो के सामने आने के बाद पाकिस्तान की ओर से अब्दुल रऊफ को एक स्थानीय मौलवी बताने के दावों पर सवाल उठ रहे हैं। वीडियो में अब्दुल रऊफ यह दावा करता हुआ सुना जा सकता है कि उन्होंने अपने दो मुजाहिदीन को कश्मीर में दो हजार से लड़ते हुए देखा और उनके लड़ाकों ने श्रीनगर के सेना मुख्यालय तक धावा बोला। अब्दुल रऊफ वही है, जिसने आतंकियों की मौत के बाद जनाजे की नमाज पढ़ी थी।
आतंकवाद को समर्थन का प्रत्यक्ष प्रमाण
भारत ने इस वीडियो पर कड़ी आपत्ति जताई है और इसे आतंकवाद को पाकिस्तान के समर्थन का प्रत्यक्ष प्रमाण बताया है। भारतीय अधिकारियों का कहना है कि यह वीडियो पाकिस्तान के उन दावों का खंडन करता है जिसमें वह अपनी जमीन पर आतंकवादियों की मौजूदगी से इनकार करता रहा है। यह घटनाक्रम ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़े हुए तनाव को और बढ़ा सकता है। भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह सीमा पार आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा और ऐसे तत्वों के खिलाफ कार्रवाई जारी रखेगा।
पाकिस्तान को चुकानी पड़ी कीमत
गौरतलब है कि आतंकियों के हमले में पहलगाम में 26 पर्यटकों की मौत हुई थी। इसके जवाब में भारत ने पाकिस्तान में घुसकर आतंकियों के 9 ठिकाने, 8 एयरबेस तबाह कर दिया जिससे 100 आतंकियों और 40 सेना के अफसर और जवानों की मौत हो गई थी।