महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने भारत और पाकिस्तान के बीच हुए सैन्य ऑपरेशन ‘सिंदूर’ को लेकर एक चौंकाने वाला और विवादित बयान दिया है। पृथ्वीराज चव्हाण ने दावा किया कि “ऑपरेशन सिंदूर के पहले दिन (7 मई, 2025 को) हम पूरी तरह हार गए थे। जो आधे घंटे की हवाई लड़ाई हुई, उसमें हम पूरी तरह हार गए, चाहे लोग इसे मानें या न मानें। भारतीय विमानों को मार गिराया गया था।”
उन्होंने आगे दावा किया कि भारतीय वायुसेना (IAF) पूरी तरह से ज़मीन पर थी और किसी भी विमान ने उड़ान नहीं भरी। उनके अनुसार, अगर ग्वालियर, बठिंडा या सिरसा जैसे एयरबेस से कोई विमान उड़ता, तो पाकिस्तान द्वारा उसे मार गिराए जाने की बहुत अधिक संभावना थी, इसलिए वायुसेना को ज़मीन पर ही रोक दिया गया था।
माफ़ी माँगने से इनकार
ऑपरेशन सिंदूर पर दिए गए अपने विवादास्पद बयान के बावजूद, जब उनसे माफ़ी माँगने के लिए कहा गया, तो चव्हाण ने स्पष्ट रूप से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, मैं माफ़ी क्यों मांगूंगा? यह सवाल ही नहीं उठता। संविधान मुझे सवाल पूछने का अधिकार देता है।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ की पृष्ठभूमि
- ‘ऑपरेशन सिंदूर’ 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा 7 मई, 2025 को शुरू किया गया था।
- भारतीय सेना ने इस ऑपरेशन के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों के 9 ठिकानों को सटीक मिसाइल और हवाई हमलों से ध्वस्त कर दिया था। भारत ने इस ऑपरेशन को आतंकवाद के खिलाफ अपनी ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति का हिस्सा बताया था।
- सरकारी दावों और सैन्य ब्रीफिंग के अनुसार, यह ऑपरेशन भारत की बड़ी सामरिक सफलता थी, जिसमें 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए थे और पाकिस्तान को युद्धविराम के लिए मजबूर होना पड़ा था।
- चव्हाण के इस बयान से देश की सेना के शौर्य पर सवाल खड़ा हो गया है, जिससे राजनीतिक गलियारों में एक नया विवाद खड़ा हो सकता है।


