आतंकवादी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने पहलगाम में हुए हालिया आतंकवादी हमले में अपनी संलिप्तता से इनकार किया है। यह बयान ऐसे समय में आया है जब इस हमले की जिम्मेदारी पहले इसी संगठन से जुड़े सूत्रों ने ली थी। टीआरएफ ने एक आधिकारिक बयान जारी करते हुए कहा है कि उनका इस हमले से कोई लेना-देना नहीं है। संगठन ने दावा किया है कि उनके डिजिटल प्लेटफॉर्म को हैक कर लिया गया था और किसी अज्ञात समूह या एजेंसी ने उनकी ओर से हमले की जिम्मेदारी लेने वाला संदेश पोस्ट किया था।
आतंकी गतिविधियों का समर्थन नहीं
टीआरएफ के प्रवक्ता ने अपने बयान में कहा कि वे इस घटना की कड़ी निंदा करते हैं और पीडि़तों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि टीआरएफ किसी भी तरह की आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन नहीं करता है और न ही निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाने में विश्वास रखता है। संगठन ने इस हैकिंग की घटना की पूरी जांच करने की बात कही है और यह भी आरोप लगाया कि यह भारत की खुफिया एजेंसियों की साजिश हो सकती है ताकि कश्मीरी प्रतिरोध को बदनाम किया जा सके।
सोशल मीडिया अकाउंट्स पर ली गई थी जिम्मेदारी
गौरतलब है कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए इस हमले में कई पर्यटक मारे गए थे, जिसके बाद सुरक्षा बलों ने इलाके में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू किया है। इस हमले की जिम्मेदारी शुरू में टीआरएफ से जुड़े कुछ सोशल मीडिया अकाउंट्स पर ली गई थी, लेकिन अब संगठन के इस इनकार ने मामले को और उलझा दिया है। सुरक्षा एजेंसियां अब इस नए दावे की भी जांच कर रही हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि वास्तव में इस हमले के पीछे कौन है और टीआरएफ के इनकार के पीछे क्या मकसद है। इस बीच, सरकार ने आतंकवादियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का अपना संकल्प दोहराया है।