दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर एक बार फिर खतरे के निशान को पार कर गया है, जिससे राजधानी के निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। लगातार हो रही भारी बारिश के कारण यमुना नदी उफान पर है। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, यमुना का जलस्तर 19 अगस्त तक 206 मीटर तक पहुंच सकता है, जो 205.33 मीटर के खतरे के निशान से काफी ऊपर है।
पानी छोड़ने की प्रक्रिया: हरियाणा के यमुनानगर स्थित हथिनीकुंड बैराज से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है। बैराज के सभी 18 गेट खोल दिए गए हैं। ये पानी लगभग 48 से 50 घंटों में दिल्ली पहुंचता है, जिससे जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। इसके अलावा, दिल्ली में वजीराबाद और ओखला बैराज से भी पानी छोड़ा जा रहा है, जिससे स्थिति और गंभीर हो गई है।
सरकार की तैयारी: दिल्ली सरकार ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए बाढ़ नियंत्रण विभाग को अलर्ट पर रखा है। निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए कहा जा रहा है। यदि जलस्तर 206 मीटर तक पहुंचता है, तो व्यापक रूप से लोगों को बाहर निकालने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
क्या है खतरे का निशान? दिल्ली में यमुना के लिए चेतावनी स्तर 204.50 मीटर है, जबकि खतरे का निशान 205.33 मीटर है। इस निशान को पार करने का मतलब है कि नदी अपने खतरनाक स्तर पर बह रही है और बाढ़ की संभावना बढ़ गई है।
पिछले साल भी यमुना ने रिकॉर्ड स्तर पार किया था, जिसके बाद दिल्ली के कई इलाकों में बाढ़ आ गई थी। इस बार भी ऐसी ही स्थिति होने की आशंका है, जिसके लिए प्रशासन पूरी तरह से तैयार है।