वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई सभी याचिकाओं पर आज सुनवाई हुई।चीफ जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस के.वी. विश्वनाथन की बेंच ने मामले में सुनवाई की। वक्फ से संबंधित सभी मामले नहीं सुने गए। जाने-माने वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि यह कानून धार्मिक मामलों में दखल देता है। यह बुनियादी जरूरतों का अतिक्रमण करता है। सिब्बल ने इस मामले में अनुच्छेद 26 का हवाला दिया। इसे पहले कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा था कि आपके तर्क क्या हैं? चीफ जस्टिस ने सुनवाई के दौरान कपिल सिब्बल से कहा कि समय कम है। इसलिए आप याचिका की मुख्य मुख्य और बड़ी बातें बताएं। इस पर सिब्बल ने अपना तर्क दिया
73 याचिकाएं दायर
वक्फ कानून को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। इस संबंध में 73 याचिकाएं दायर की गई हैं। विभिन्न पार्टियों के नेताओं ने याचिकाएं दायर की हैं। राजस्थान, गुजरात, हरियाणा, महाराष्ट्र, असम, उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ राज्यों ने इस अधिनियम का समर्थन करते हुए हस्तक्षेप याचिकाएं दायर की हैं। केंद्र सरकार ने भी एक कैविएट दाखिल किया है। इसका मतलब है कि सरकार को इस मामले में कोई भी फैसला लेने से पहले सूचित किया जाएगा।
धार्मिक मामलों में दखल है वक्फ कानून.. सुप्रीम कोर्ट में कपिल सिब्बल की दलील
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