राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के रामलीला मैदान में कांग्रेस पार्टी द्वारा ‘SIR’ (संभावित रूप से ‘सरकारी सूचना रजिस्ट्रार’ या कोई विवादास्पद मुद्दा) के खिलाफ ‘वोट चोर, गद्दी छोड़’ रैली आयोजित की जा रही है। इस रैली को लेकर भारतीय राजनीति में तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं।
विपक्ष का समर्थन: RJD नेता का ‘वोट डकैती’ का आरोप
RJD नेता मृत्युंजय तिवारी ने इस रैली का समर्थन करते हुए कहा कि वोट चोरी को लेकर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं, और राहुल गांधी प्रमाण भी दे रहे हैं। उन्होंने इसे ‘वोट डकैती, वोट अपहरण’ का मामला बताया। उन्होंने कहा कि अगर सचमुच वोट डकैती के खिलाफ लड़ाई लड़नी है, तो देश के सभी विपक्षी सांसद और विधायक तब तक सड़कों पर रहें जब तक चुनाव आयोग या सरकार कोई फैसला नहीं लेती।
सत्ता पक्ष का पलटवार: ‘अप्रासंगिक हो चुके हैं राहुल गांधी’
बिहार के मंत्री मंगल पांडे और भाजपा सांसद संबित पात्रा ने कांग्रेस की रैली पर तीखी आलोचना की है। मंगल पांडे ने कहा कि देश की जनता ने राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी को पूरी तरह से नकार दिया है, जिसके कारण वे कई बार चुनाव हार चुके हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली की इस रैली का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि राहुल गांधी अप्रासंगिक हो चुके हैं।
सदन से वॉकआउट
संबित पात्रा ने कहा कि लोकतंत्र के मंदिर (सदन) में SIR पर पूरी चर्चा हो चुकी है और गृह मंत्री ने बिंदुवार जवाब भी दिया था। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि जब गृह मंत्री ने ‘घुसपैठियों’ का जिक्र किया और कहा कि कांग्रेस उन्हें बचाने की कोशिश कर रही है, तब कांग्रेस ने गतिरोध पैदा किया और वॉकआउट कर दिया।
पात्रा ने निष्कर्ष निकाला कि SIR के खिलाफ हो रही यह रैली वास्तव में घुसपैठियों को बचाने की कांग्रेस पार्टी की कवायद है। उन्होंने राहुल गांधी के खादी पहनने और कहानी गढ़ने पर भी तंज कसा।
इस रैली के माध्यम से कांग्रेस पार्टी, SIR मुद्दे पर अपनी बात जनता के बीच ले जाने की कोशिश कर रही है, जबकि सत्ता पक्ष इसे हार की निराशा और राजनीतिक अप्रासंगिकता करार दे रहा है।


