आईपीएल के मंच पर महज 14 साल की उम्र में तूफानी शतक जडक़र वैभव सूर्यवंशी ने क्रिकेट जगत को हैरान कर दिया है। उनकी इस असाधारण उपलब्धि के पीछे सालों की कड़ी मेहनत, परिवार का त्याग और अटूट जुनून छिपा है। बिहार के एक छोटे से गाँव ताजपुर में 27 मार्च 2011 को जन्मे वैभव का क्रिकेट के प्रति प्रेम बचपन से ही था। उनके पिता संजीव सूर्यवंशी, जो पेशे से किसान हैं। उन्होंने अपने बेटे के इस जुनून को पहचाना और उसे हर संभव सहायता प्रदान की। वैभव को बेहतर प्रशिक्षण मिले, इसके लिए उन्होंने अपनी जमीन तक बेच दी। उनकी माँ ने भी हर मुश्किल में उनका साथ दिया। सुबह 2 बजे उठकर उनके लिए खाना बनाती थीं ताकि वे अभ्यास के लिए समय पर पहुँच सकें।
पूर्व रणजी खिलाड़ी मनीष ओझा से कोचिंग ली
वैभव ने नौ साल की उम्र में क्रिकेट अकादमी ज्वाइन की और पूर्व रणजी खिलाड़ी मनीष ओझा से कोचिंग ली। ओझा ने उनकी प्रतिभा को निखारा और उन्हें सही दिशा दिखाई। वैभव ने बताया कि आज वे जो कुछ भी हैं, वह ओझा सर की वजह से ही हैं। राहुल द्रविड़ जैसे दिग्गजों का मार्गदर्शन भी उन्हें लगातार मिलता रहा, जिससे उनका खेल और आत्मविश्वास दोनों मजबूत हुए।
घरेलू क्रिकेट में किया शानदार प्रदर्शन
आईपीएल में आने से पहले वैभव ने घरेलू क्रिकेट में भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया था। उन्होंने अंडर-19 स्तर पर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ महज 58 गेंदों में शतक जड़ा था, जो उनकी विस्फोटक बल्लेबाजी का प्रमाण था। इसके अलावा, उन्होंने रणजी ट्रॉफी और विजय हजारे ट्रॉफी में भी अच्छा प्रदर्शन किया, जिससे आईपीएल फ्रेंचाइजियों का ध्यान उनकी ओर गया।
आईपीएल में हुई धमाकेदार एंट्री
आईपीएल 2025 की नीलामी में राजस्थान रॉयल्स ने वैभव को 1.1 करोड़ रुपये में खरीदा। उन्होंने अपने पहले ही मैच में शानदार प्रदर्शन करते हुए सभी को प्रभावित किया, लेकिन असली धमाका उन्होंने गुजरात टाइटंस के खिलाफ किया, जब उन्होंने सिर्फ 35 गेंदों में शतक ठोककर इतिहास रच दिया। वे आईपीएल के इतिहास में सबसे कम उम्र में शतक लगाने वाले बल्लेबाज बन गए। वैभव सूर्यवंशी की यह सफलता सिर्फ एक व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, बल्कि यह उन सभी युवाओं के लिए प्रेरणा है जो छोटे शहरों से निकलकर बड़े सपने देखते हैं और उन्हें पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। उनका यह शतक उनकी मेहनत, लगन और परिवार के त्याग का परिणाम है, जिसने उन्हें क्रिकेट के शिखर पर पहुँचाया है।