संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान, सोमवार को राज्यसभा में भी कांग्रेस की रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ इस्तेमाल किए गए आपत्तिजनक शब्दों को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सदस्यों ने जोरदार हंगामा किया। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद जगत प्रकाश नड्डा (JP Nadda) ने इस मुद्दे को उठाते हुए कांग्रेस नेतृत्व से देश से माफी मांगने की मांग की।
नड्डा का आरोप: ‘नामदारों की निराशा’
जेपी नड्डा ने सदन में कहा कि 14 दिसंबर, 2025 को कांग्रेस द्वारा आयोजित एक रैली में प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ बेहद आपत्तिजनक और असंसदीय नारेबाजी की गई, जिसने राजनीति के स्तर को गिरा दिया है। उन्होंने बताया कि रैली में “मोदी तेरी कब्र खुदेगी आज तो नहीं तो कल खुदेगी” जैसे नारे लगाए गए, जिस पर कांग्रेस का पूरा शीर्ष नेतृत्व मौन रहा।
- नड्डा ने कहा कि इस तरह की भाषा का प्रयोग करना कांग्रेस की विकृत मानसिकता को दर्शाता है। उन्होंने इसे “नामदारों की निराशा और हताशा” बताया, जो जनता द्वारा बार-बार नकारे जाने के बाद ऐसी निम्न स्तर की राजनीति पर उतर आए हैं।
- उन्होंने स्पष्ट शब्दों में मांग की कि कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और सदन में विपक्ष के नेता को इस घटना के लिए देश और सदन से बिना शर्त माफी मांगनी चाहिए।
नड्डा ने तर्क दिया कि प्रधानमंत्री पद की गरिमा का ध्यान रखना हर राजनीतिक दल का कर्तव्य है, और कांग्रेस ने ऐसी नारेबाजी की अनुमति देकर इस गरिमा को ठेस पहुंचाई है।
🚫 कार्यवाही हुई स्थगित
बीजेपी सांसदों ने जेपी नड्डा के बयान का समर्थन करते हुए जोर-शोर से नारेबाजी शुरू कर दी। कांग्रेस सदस्यों ने भी जवाबी प्रतिक्रिया दी, जिसके चलते सदन का माहौल अत्यधिक हंगामेदार हो गया।
हंगामा इतना बढ़ गया कि सदन के उपसभापति ने व्यवस्था बनाए रखने के लिए हस्तक्षेप किया, लेकिन बात नहीं बनी। परिणामस्वरूप, राज्यसभा की कार्यवाही को कुछ समय के लिए स्थगित करना पड़ा।
यह मुद्दा शीतकालीन सत्र के बाकी दिनों में भी सदन की कार्यवाही को बाधित करने का एक प्रमुख कारण बन सकता है, क्योंकि बीजेपी ने इसे एक गंभीर राष्ट्रीय अपमान का विषय बना दिया है।


