संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दो दिन हंगामे की भेंट चढ़ गए, जिसके चलते लोकसभा की कार्यवाही कई बार स्थगित करनी पड़ी। विपक्षी गठबंधन (INDIA ब्लॉक) के सदस्यों ने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के मुद्दे पर तत्काल चर्चा की मांग करते हुए सदन के वेल में आकर जोरदार नारेबाजी की। विपक्ष का आरोप है कि इस पुनरीक्षण प्रक्रिया के तहत एक सोची-समझी रणनीति के तहत लाखों लोगों के नाम मतदाता सूची से काटे गए हैं, जिससे लोकतंत्र की मूल भावना को ठेस पहुंची है। कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी ने कहा, ‘अरे तुम नालायक हो तो हम क्या करें, तुमको चलाना नहीं आता तो हम क्या करें? हम मुद्दा भी ना उठाएं?…हम सांसद हैं और लोगों की आवाज उठाना हमारा कर्तव्य है।’
विरोध का केंद्र: SIR मुद्दा
सोमवार को सत्र शुरू होते ही, कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और अन्य विपक्षी दलों के सांसद SIR के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। सांसदों ने अपने हाथों में तख्तियां लेकर विरोध जताया। लगातार शोर-शराबे के कारण लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को सदन की कार्यवाही पहले दोपहर 12 बजे तक, फिर 2 बजे तक और अंततः पूरे दिन के लिए स्थगित करनी पड़ी। यह गतिरोध सत्र के दूसरे दिन भी जारी रहा, जिसके चलते सदन का बहुमूल्य समय बर्बाद हो रहा है और विधायी कामकाज प्रभावित हो रहा है।
भाजपा का तीखा पलटवार
विपक्षी दलों के इस आक्रामक रवैये पर सत्ता पक्ष भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने तीखा पलटवार किया है। भाजपा ने विपक्ष के इस विरोध को हाल ही में हुए बिहार विधानसभा चुनाव में मिली शर्मनाक हार का “विलाप” करार दिया है।भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया कि INDIA गठबंधन अपनी हार का ठीकरा मतदाता सूची पर फोड़ रहा है, जबकि जनता ने विकास और समृद्धि को चुना है। इस गतिरोध के बीच, लोकसभा में मणिपुर जीएसटी (द्वितीय संशोधन) विधेयक, 2025 जैसे कुछ महत्वपूर्ण विधेयकों को हंगामे के बीच ही पारित कराना पड़ा। विपक्ष जहां SIR और राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा चाहता है, वहीं सरकार विधायी कार्यों को प्राथमिकता देने पर जोर दे रही है, जिसके कारण सदन में गतिरोध बना हुआ है।


