उप्र के प्रयागराज में अगले वर्ष महाकुंभ का आयोजन होना है। दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक समागम 13 जनवरी 2025 से शुरू होने जा रहा है। महाकुंभ मेले इसलिए बेहद अहम है क्योंकि यह 12 साल में एक बार होता है। सूर्य और चंद्रमा के मकर राशि में पहुंचने पर महाकुंभ मेला लगता है। भले ही महाकुंभ में अभी समय हो लेकिन पंच दशनाम जूना अखाड़े के साधु-संत 12 अक्टूबर को प्रयागराज के संगम पहुंचेंगे।
विजयदशमी से साधु-संतों का जमावड़ा
पंच दशनाम जूना अखाड़े ने अधिकृत तोर पर नगर प्रवेश और शाही पेशवाई की तिथियां भी तय कर ली हैं। देशभर में फैले अखाड़े के नागा संन्यासी, महामंडलेश्वर, महंत, साधु-संत और मठाधीश विजयदशमी के दिन 12 अक्तूबर को प्रयागराज के लिए प्रस्थान करेंगे। 3 नवंबर को यम द्वितीया पर हाथी-घोड़े, बग्घी, सुसज्जित रथों और पालकियों के साथ जूना अखाड़े की पेशवाई संगम लगने वाले कुंभ नगर के शिविर में देवता के साथ प्रवेश करेगी।
संन्यासियों का सबसे बड़ा अखाड़ा है
पंच दशनाम जूना अखाड़ा संन्यासियों का सबसे बड़ा अखाड़ा माना जाता है। पंच दशनाम के अंतरराष्ट्रीय सभापति महंत प्रेम गिरि की अध्यक्षता में एक बैठक हुई। महाकुंभ के स्नान पर्वों की के प्रस्तावों को अंतिम रूप दे दिया है। अखाड़ा ने नगर प्रवेश, पेशवाई, शाही स्नान, शोभायात्रा से लेकर कढ़ी-पकौड़ा तक की तिथियां तय कर ली हैं। महंत हरि गिरि ने बताया कि जूना अखाड़े के प्रमुख पदाधिकारियों की मौजूदगी में नगर प्रवेश करने, धर्म ध्वजा पूजन, नागा संन्यासियों के लिए लगाए जाने वाले शिविरों के लिए भूमि आवंटन और कुंभ शिविर में प्रवेश समेत अन्य तिथियों का निर्धारण कर दिया है। ये सब आयोजन मुहूर्त के अनुसार किए जाएंगे।
ये है कार्यक्रम
-अखाड़े के रमता पंच, नागा संन्यासी, मठाधीश, महामंडलेश्वर, आश्रमधारी प्रयागराज से बाहर रामपुर में सिद्ध हनुमान मंदिर परिसर में शरद पूर्णिमा पर 16 अक्टूबर को पहुंचेंगे।
-3 नवंबर को यम द्वितीया पर रमता पंच की अगुवाई में जूना अखाड़ा पूरे लाव-लश्कर, बैंड बाजा, पालकियों के साथ जुलूस के साथ नगर प्रवेश करेगा।
-23 नवंबर को कुंभ मेला छावनी में काल भैरव अष्टमी के दिन आवंटित भूमि का पूजन कर धर्म ध्वजा की स्थापना करेंगे।
-14 दिसंबर को अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि के नेतृत्व में जूना अखाड़ा की ओर से पेशवाई निकाली जाएगी। इसके साथ ही पेशवाई, कुंभ मेला छावनी में समूह के साथ प्रवेश करेगी।
-महाकुंभ के शुरू होते ही 13 जनवरी को प्रथम शाही स्नान से पहले वेणी माधव भगवान की पूजा-अर्चना के बाद भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी और नगर परिक्रमा होगी।
ये हैं शाही स्नान की तिथियां
14 जनवरी- मकर संक्रांति
29 जनवरी-मौनी अमावस्या
3 फरवरी-वसंत पंचमी
अन्य महत्वपूर्ण स्नान
13 जनवरी-पौष पूर्णिमा
12 फरवरी-माघी पूर्णिमा
26 फरवरी-महाशिवरात्रि पर्व