Sunday, July 7, 2024
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केन्द्रीय मंत्री ने की छग के सीएम की सराहना.. शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता में रखने पर यह कहा

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने शिक्षा को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता में रखा है। भारत सरकार शिक्षा के विकास के लिए छत्तीसगढ़ सरकार के साथ कदम से कदम मिलाकर चलेगी। पीएमश्री योजना के द्वितीय चरण में छत्तीसगढ़ की अपेक्षाओं के अनुरूप अधिक से अधिक स्कूलों को शामिल किया जाएगा। यह बात केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने छत्तीसगढ़ में पीएमश्री योजना का शुभारंभ करते हुए कही। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के 211 स्कूलों में पीएमश्री योजना की शुरुआत की गई है। इसके तहत 2-2 करोड़ प्रति स्कूल राशि खर्च कर स्कूलों को बड़े शहरों और विश्व स्तर के आदर्श स्कूल के रूप में विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राईजिंग इंडिया प्रधानमंत्री मोदी के विकसित भारत की परिकल्पना का प्रमुख आधार है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। अतिथियों ने आयोजन स्थल पर पीएम श्री योजना सहित शिक्षा से संबंधित योजनाओं पर लगाए गए स्टालों का अवलोकन किया। धर्मेंद्र प्रधान ने केन्द्रीय विद्यालय डोंगरगढ़ में डिजिटल लाइब्रेरी, रामानुज मैथ्स पार्क और नवोदय विद्यालय में वर्चुअल रियलटी का शुभारंभ किया। पीएमश्री योजना में छत्तीसगढ़ के चयनित 211 स्कूलों में एलीमेन्ट्री स्तर पर 193 और सेकेंडरी स्तर पर 18 स्कूल शामिल हैं। इन स्कूलों में विद्यार्थियों को आईसीटी, डिजिटल क्लास रूम के माध्यम से प्रदान की जाएगी। व्यावसायिक शिक्षा एवं स्थानीय उद्योगों के साथ इंटर्नशिप, उद्यमिता के अवसरों से जोड़ा जाएगा। अतिथियों ने उत्कृष्ट उपलब्धियां हासिल करने वाले विद्यार्थियों को स्मृति चिन्ह और प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया।
छत्तीसगढ़ के बच्चे काफी आगे
केन्द्रीय मंत्री प्रधान ने कहा कि विद्यार्थियों का आत्मविश्वास और ज्ञान का स्तर देखकर मैं यह कह सकता हूं कि छत्तीसगढ़ के आदिवासी बच्चे दूसरे राज्यों के बच्चों से काफी आगे हैं। यही छत्तीसगढ़ की सबसे बड़ी पूंजी है। उन्होंने कहा कि हर स्कूल में बागवानी हो, बच्चों को पोषण के साथ खेलकूद और योगा भी सिखाया जाए ताकि बच्चे स्वस्थ्य रहें। नई शिक्षा नीति 2020 में कक्षा 8वीं तक बच्चों को मातृभाषा और स्थानीय भाषा में शिक्षा दी जाएगी। इसके लिए केन्द्र सरकार सरकारी चैनल शुरू करेगी, जिसमें छत्तीसगढ़ी सहित हल्बी, गोंडी, भतरी, सरगुजिया जैसी भाषाएं भी शामिल होंगी। छत्तीसगढ़ी सहित सभी स्थानीय भाषाएं राष्ट्रीय भाषाएं हैं। नई शिक्षा नीति में कौशल विकास और टेक्नालॉजी पर विशेष जोर दिया गया। 6वीं से 12वीं तक सभी विद्यार्थियों को भाषा, गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, आर्ट, स्पोर्टस, पेंटिंग, संगीत-नृत्य जैसे विषय पढ़ाए जाएंगे। उन्होंने 2036 में होने वाले ओलंपिक खेलों का उल्लेख करते हुए कहा कि इसकी तैयारी छत्तीसगढ़ से प्रारंभ हो, यहां के खिलाड़ी 10 प्रतिशत मेडल लेकर आएं। हर स्कूल में खेल का मैदान हों, खेलकूद प्रतियोगिताएं आयोजित हो। उन्होंने कहा कि बच्चे स्वयं एंकरिंग कर अपने गांव और उनकी विशेषताओं पर एक मिनट की रील भी बनाएं।
छत्तीसगढ़ के लिए ऐतिहासिक दिन
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि आज छत्तीसगढ़ के लिए ऐतिहासिक दिन है, जब प्रदेश में पीएम श्री योजना प्रारंभ हो रही है। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के अनुरूप छत्तीसगढ़ में हम शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार कर बच्चों को आने वाले जीवन के लिए तैयार करेंगे। विकसित भारत बनाने का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए हम विकसित छत्तीसगढ़ बनाएंगे। पिछले 5 वर्षों में छत्तीसगढ़ में शिक्षा का जो हाल है, वह किसी से छिपा नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा विकास का मूलमंत्र है। शिक्षा के विकास के लिए बजट में 33 हजार शिक्षकों की भर्ती के साथ स्कूल भवनों के निर्माण सहित अनेक प्रावधान किए हैं। हमें खाली खजाना मिला लेकिन चिन्ता की बात नहीं है। जब डबल इंजन की सरकार है तो हम सब मिलकर छत्तीसगढ़ को एक समृद्ध प्रदेश बनाने में सफल होंगे। उन्होंने कहा कि पीएम श्री योजना के तहत छत्तीसगढ़ के चयनित 211 स्कूलों में व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास और स्कूलों की अधोसंरचना विकास के कार्य किए जाएंगे। ताकि विद्यार्थी आने वाले जीवन के लिए तैयार हों। छत्तीसगढ़ के स्कूल शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, सांसद सुनील सोनी, विधायक पुरंदर मिश्रा, गुरू खुशवंत साहेब, मोतीलाल साहू, राज्य औषधि बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष रामप्रताप सिंह भी उपस्थित थे।

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