रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ हैदराबाद हाउस में हुई द्विपक्षीय वार्ता के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस-यूक्रेन संघर्ष को लेकर भारत का रुख पूरी स्पष्टता से सामने रखा। पीएम मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन को स्पष्ट संदेश देते हुए कहा कि “भारत निष्पक्ष नहीं है। भारत शांति की तरफ है।”
पीएम मोदी ने जोर देकर कहा कि रूस-यूक्रेन संकट अब समाप्त होना चाहिए, और इसका समाधान केवल बातचीत और कूटनीतिक कोशिशों से ही संभव है। उन्होंने कहा, “विश्व का कल्याण शांति मार्ग पर ही है। हम सबको मिलकर शांति के राह तलाशने चाहिए और पिछले दिनों जो प्रयास चल रहे हैं, मुझे पूरा विश्वास है कि विश्व फिर से एक बार शांति की दिशा में लौटेगा।”
🕊️ पुतिन ने मोदी को बताया ‘सच्चा मित्र’
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी बताया कि यूक्रेन संकट के बाद दोनों नेताओं के बीच लगातार चर्चा होती रही है। उन्होंने कहा, “आपने भी समय-समय पर एक सच्चे मित्र के रूप में हमें सभी चीजों से अवगत कराया। मैं समझता हूं कि ये विश्वास बहुत बड़ी ताकत है।”
इस संवेदनशील मुद्दे पर भारत के रुख पर राष्ट्रपति पुतिन ने भी सहमति व्यक्त की। उन्होंने कहा कि रूस भी संघर्ष के शांतिपूर्ण अंत के लिए काम कर रहा है। पीएम मोदी के इस बयान को वैश्विक मंच पर एक शक्तिशाली कूटनीतिक संदेश के रूप में देखा जा रहा है कि भारत, अपने सबसे पुराने और करीबी मित्र रूस के साथ संबंधों को बनाए रखते हुए भी, संघर्ष को समाप्त करने के लिए अपनी आवाज़ उठाने से पीछे नहीं हटेगा।
🤝 25 साल का रिश्ता और रणनीतिक साझेदारी की नींव
पीएम मोदी ने रूस के साथ भारत के संबंधों की ऐतिहासिक और व्यक्तिगत गहराई को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि पुतिन की यह यात्रा बहुत ऐतिहासिक है क्योंकि 2001 में जब उन्होंने पहली बार कार्यभार संभाला था और भारत की यात्रा की थी, तब ही स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप की मज़बूत नींव रखी गई थी।
पीएम मोदी ने व्यक्तिगत स्तर पर अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा, “मैं पर्सनली भी बहुत खुश हूँ कि पर्सनल लेवल पर आपके साथ मेरे रिश्तों ने भी 25 साल पूरे कर लिए हैं।” उन्होंने राष्ट्रपति पुतिन की जमकर तारीफ की और कहा कि 2001 में निभाई गई उनकी भूमिका इस बात का शानदार उदाहरण है कि एक विजनरी लीडर (दूरदर्शी नेता) कैसे रिश्तों को कहाँ से शुरू करके कहाँ तक ले जा सकता है।
पीएम मोदी और पुतिन की इस मुलाकात में रक्षा, व्यापार, ऊर्जा और अंतरिक्ष सहयोग जैसे द्विपक्षीय मुद्दों पर भी व्यापक चर्चा हुई, जिससे दोनों देशों के बीच संबंधों को नई गति मिलेगी।


