देश इस समय दो विपरीत मौसमी घटनाओं का सामना कर रहा है। एक तरफ पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से उत्तर भारत में ठंड और शीतलहर का प्रकोप बढ़ने वाला है, वहीं दूसरी तरफ चक्रवाती तूफान ‘दित्वाह’ के प्रभाव से दक्षिण भारत में भारी बारिश और बाढ़ का अलर्ट जारी किया गया है।
उत्तर भारत में शीत लहर और गिरता पारा
पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) एक गैर-मानसूनी तूफानी प्रणाली है जो भूमध्य सागर से उत्पन्न होकर ईरान, अफगानिस्तान और पाकिस्तान होते हुए भारत के उत्तर-पश्चिमी भागों में प्रवेश करती है। यह सर्दियों के महीनों में अपने साथ नमी लेकर आती है, जिससे पहाड़ी इलाकों (जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड) में बर्फबारी होती है।
- ठंड में वृद्धि: बर्फबारी के बाद बर्फीली उत्तर-पश्चिमी हवाएं मैदानी इलाकों (पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार) की ओर रुख करती हैं, जिससे न्यूनतम तापमान में तेज़ गिरावट आती है और ठंड काफी बढ़ जाती है। कई राज्यों में शीतलहर चलने और घने कोहरे की स्थिति बनने की आशंका है। दिल्ली-एनसीआर, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में येलो अलर्ट जारी किया गया है।
- दिसंबर की शुरुआत: दिसंबर के शुरुआती दिनों में ही न्यूनतम तापमान सामान्य से नीचे जाने लगा है, जो कड़ाके की सर्दी की ओर इशारा कर रहा है।
दक्षिण में चक्रवात ‘दित्वाह’ का कहर
बंगाल की खाड़ी में उठा चक्रवाती तूफान ‘दित्वाह’ (Cyclone Ditwah), जिसने श्रीलंका में भारी तबाही मचाई, अब कमजोर होकर गहरे दबाव में बदल गया है, लेकिन इसका असर अभी भी दक्षिण भारत के तटीय क्षेत्रों पर बना हुआ है।
- भारी बारिश का अलर्ट: इसके प्रभाव से तमिलनाडु (चेन्नई, तिरुवल्लूर, चेंगलपट्टू), पुडुचेरी और आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश का दौर जारी है।
- जनजीवन प्रभावित: कई निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति है, जिससे आम जनजीवन प्रभावित हुआ है। तूफ़ान के कारण कई उड़ानें रद्द करनी पड़ीं और प्रशासन ने एनडीआरएफ (NDRF) टीमों को हाई अलर्ट पर रखा है।
देश का मौसम इस समय दोहरी मार झेल रहा है—उत्तर में बढ़ती सर्दी, और दक्षिण में चक्रवाती बारिश।


