छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों को माओवाद विरोधी अभियान के तहत बड़ी सफलता मिली है। कोंडागांव जिले के किलम-बरगुम मरकाम पाल के घने जंगलों में में डीआरजी और बस्तर फाइटर्स की संयुक्त टीम की माओवादियों से मुठभेड़ हुई, जिसमें दो नक्सली मारे गए हैं। एनकाउंटर में मारे गए माओवादियों की पहचान पूर्वी बस्तर डिवीजन के डिवीजनल कमांडर हलदर (डीवीसीएम) और एरिया कमांडर रामे (एसीएम) के रूप में हुई है। इन दोनों पर कुल 13 लाख रुपये का इनाम घोषित था। हलदर पर 8 लाख रुपए और रामे पर 5 लाख रुपए का इनाम जारी हुआ था।
विस्फोटक सामग्री और नक्सली दस्तावेज बरामद
सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ के दौरान मौके से एक एके-47 राइफल, अन्य हथियार, विस्फोटक सामग्री और नक्सली दस्तावेज बरामद किए हैं। इनसे माओवादियों की भविष्य की गतिविधियों और नेटवर्क से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां मिलने की उम्मीद है। यह मुठभेड़ कोंडागांव और नारायणपुर जिले की सीमा से लगे क्षेत्र में हुई, जहां माओवादियों की मौजूदगी की खुफिया जानकारी मिलने के बाद सुरक्षा बलों ने जंगलों में तलाशी अभियान शुरू किया था। सुरक्षा बलों का सर्च ऑपरेशन जारी है और इलाके को पूरी तरह खंगाला जा रहा है, ताकि किसी और नक्सली की मौजूदगी या विस्फोटकों की आशंका को टाला जा सके।
छत्तीसगढ़ में लगातार नक्सलियों पर प्रहार
अधिकारियों ने बताया कि मुठभेड़ और अभियान से जुड़ी विस्तृत जानकारी सर्च ऑपरेशन के पूर्ण होने के बाद साझा की जाएगी। यह कार्रवाई राज्य में माओवादी गतिविधियों के विरुद्ध बढ़ती सख्ती का संकेत है। छत्तीसगढ़ में लगातार नक्सलियों पर लगाम कसने में राज्य सरकार को सफलता मिल रही है। केंद्र और राज्य सरकार ने मार्च 2026 तक नक्सलवाद के सफाए का लक्ष्य रखा है।