तुर्की के लिए एक बड़ा झटका साबित हुआ जब उसका उन्नत मानवरहित युद्धक विमान (UCAV) ANKA 3 दुर्घटनाग्रस्त हो गया। यह घटना तुर्की के ‘ड्रोन सुपरपावर’ बनने के सपनों को आघात पहुंचाने वाली है, खासकर ऐसे समय में जब पाकिस्तान सहित कई देश तुर्की के इन ड्रोनों में गहरी दिलचस्पी दिखा रहे थे।
प्राथमिक रिपोर्टों के अनुसार, ANKA 3 (अंका 3) का प्रोटोटाइप प्रशिक्षण उड़ान के दौरान तकनीकी खराबी के कारण नियंत्रण खो बैठा और एक अज्ञात स्थान पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। तुर्की एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (TAI) द्वारा विकसित यह स्टील्थ ड्रोन तुर्की की वायुसेना के लिए एक महत्वपूर्ण संपत्ति माना जा रहा था। इसकी डिजाइन और क्षमताएं इसे अमेरिकी X-47B और रूसी S-70 ओखोटनिक जैसे उन्नत यूसीएवी के समकक्ष खड़ा करती थीं।
इस दुर्घटना का पाकिस्तान पर भी गहरा असर होगा, जो लंबे समय से ANKA 3 को अपनी सैन्य क्षमता में शामिल करने के लिए उत्सुक था। पाकिस्तानी सेना इस ड्रोन की लंबी दूरी की मारक क्षमता और उच्च पेलोड क्षमता को देखते हुए इसे सामरिक लाभ के रूप में देख रही थी। ऐसी खबरें भी थीं कि पाकिस्तान इस ड्रोन पर छोटे परमाणु मिसाइलों को एकीकृत करने की संभावनाओं पर विचार कर रहा था, जिससे उसकी क्षेत्रीय शक्ति में काफी इजाफा हो सकता था।
तुर्की के रक्षा अधिकारियों ने दुर्घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं। इस घटना से ANKA 3 के उत्पादन और निर्यात योजनाओं में देरी होने की संभावना है। यह दुर्घटना तुर्की की रक्षा उद्योग के लिए एक गंभीर चुनौती है, जिसे अब अपनी ड्रोन तकनीक की विश्वसनीयता और सुरक्षा को फिर से स्थापित करना होगा। वहीं, पाकिस्तान के लिए यह एक निराशाजनक खबर है, क्योंकि उसके परमाणु मिसाइल को ड्रोन पर लगाने के सपने फिलहाल अधूरे ही रहेंगे।