प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भले ही अमेरिका की यात्रा करके आए हैं, लेकिन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार भारत पर आक्रमक हैं। कांग्रेस के संयुक्त सत्र में टैरिफ के सवाल पर उन्होंने भारत, चीन और कनाडा को घेरा। ट्रंप ने भारत का खासतौर पर जिक्र करते हुए कहा था कि भारत अमेरिकी वाहनों पर 100 फीसदी टैरिफ लगाता है। ट्रंप ने कहा कि हमने भारत को बेनकाब कर दिया है और अब भारत अपने टैरिफ कम करने पर राजी हो गया है। ट्रंप ने कहा कि भारत हमसे बहुत ज्यादा टैरिफ वसूलता है। ये इतना ज्यादा है कि आप भारत में कुछ ही नहीं बेच सकते। इतने भारी टैरिफ को आप बैन की तरह कह सकते हैं। अब वे अमेरिकी उत्पादों पर अपने टैरिफ में कटौती करना चाहते हैं क्योंकि आखिरकार कोई इसकी बात कर रहा है।
भारत पर हमलावर हैं ट्रंप
डोनाल्ड ट्रंप ने पद संभालने के बाद से ही टैरिफ के मामले में दुनिया के अन्य देशों के साथ भारत को भी बार-बार घेरा है। उन्होंने अमेरिकी उत्पादों पर उच्च टैरिफ लगाने के लिए चीन, कनाडा और भारत का जिक्र किया। ट्रंप ने कहा कि जिन देशों ने दशकों से अमेरिका के खिलाफ टैरिफ का इस्तेमाल किया, अब उनके खिलाफ टैरिफ लगाने की बारी हमारी है। पीएम नरेंद्र मोदी 13 फरवरी को वॉशिंगटन डीसी में ट्रंप के साथ बातचीत कर चुके हैं। दोनों पक्ष इस साल के अंत तक एक बड़े व्यापार समझौते पर बातचीत करने और व्यापार घाटे को कम करने के लिए 2030 तक 500 बिलियन अमेरिकी डॉलर के वार्षिक व्यापार का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित करने पर सहमत हुए हैं।
अमेरिका के दबाव में टैरिफ घटा रहा भारत
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति का जो यह बयान आया है कि भारत अमेरिका के दबाव में अपने कस्टम टैरिफ को कम कर रहा है, इससे दुर्भाग्यपूर्ण और कोई बात नहीं हो सकती। भारत की एक परंपरा, विरासत रही है कि भारत किसी देश के सामने झुका नहीं है और यह न सामरिक दृष्टिकोण से, न विदेश नीति के दृष्टिकोण से और न ही यह ट्रेड नीति के दृष्टिकोण से उचित है। इससे बेहतर है कि अमेरिका जो रेसिप्रोकल टैरिफ लगाना चाह रहा है उसको स्वीकार करें। उन्होंने कहा कि सरकार को साफ तौर पर स्पष्टीकरण देना चाहिए कि क्या वह अमेरिका के दबाव में अपने टैरिफ घटा रहा है? क्या राष्ट्रपति ट्रंप का यह बयान सही है? इस बात को संसद में भी उठाया जाएगा।