अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत के खिलाफ अपना टैरिफ युद्ध खत्म करने के मूड में नहीं दिख रहे हैं। अब ट्रंप प्रशासन भारत पर भारी टैरिफ लगाने के लिए जी-7 (G-7) देशों पर दबाव बना रहा है। इसका मकसद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को यूक्रेन के साथ शांति वार्ता के लिए मजबूर करना है।
भारत पर भारी टैरिफ का दबाव
फाइनेंशियल टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप प्रशासन भारत और चीन पर रूसी तेल खरीदने के लिए भारी टैरिफ लगाने के लिए जी-7 देशों पर दबाव बनाएगा। इस प्रस्ताव में 50 से 100 प्रतिशत तक टैरिफ लगाने का सुझाव दिया गया है। जी-7 देशों के वित्त मंत्री शुक्रवार को एक वीडियो कॉल के जरिए इस प्रस्ताव पर चर्चा करेंगे। जी-7 में अमेरिका के साथ-साथ कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और ब्रिटेन शामिल हैं।
इससे पहले, अमेरिकी राष्ट्रपति ने इसी सप्ताह यूरोपीय संघ से भी भारत, चीन और ब्राजील के खिलाफ इसी तरह का टैरिफ लगाने की मांग की थी।
पुतिन पर दबाव बनाने की रणनीति
अमेरिकी वित्त विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि चीन और भारत द्वारा रूसी तेल की खरीद पुतिन की युद्ध मशीनरी को बढ़ावा दे रही है। प्रवक्ता ने कहा, “इस सप्ताह की शुरुआत में हमने अपने यूरोपीय सहयोगियों को स्पष्ट कर दिया था कि अगर वे अपने यहां युद्ध समाप्त करने के लिए गंभीर हैं, तो उन्हें हमारे साथ मिलकर सार्थक टैरिफ लगाने होंगे। इसे युद्ध खत्म होने के दिन ही वापस ले लिया जाएगा।”
इस कदम से वैश्विक स्तर पर तनाव बढ़ने की आशंका है, क्योंकि यह भारत और चीन जैसे बड़े देशों के साथ सीधे तौर पर टकराव पैदा करेगा। ट्रंप प्रशासन का यह फैसला भारत के लिए भी एक बड़ी चुनौती साबित हो सकता है।