अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बड़ा ऐलान करते हुए ईरान सहित कुल 12 देशों पर यात्रा प्रतिबंध और व्यापारिक पाबंदियां लगाने की घोषणा की है। यह निर्णय उनके 2024 के सफल राष्ट्रपति अभियान के एक प्रमुख वादे को पूरा करने के रूप में देखा जा रहा है, जिसमें उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा और अमेरिकी हितों की रक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता बताया था। ट्रंप प्रशासन द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि ये प्रतिबंध उन देशों पर लगाए गए हैं जिन्हें अमेरिकी सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण खतरा माना गया है। ईरान को इस सूची में प्रमुखता से शामिल किया गया है, जिसका मुख्य कारण उसके परमाणु कार्यक्रम, क्षेत्रीय अस्थिरता फैलाने वाली गतिविधियों और कथित तौर पर आतंकी समूहों को समर्थन देना बताया गया है। ट्रंप ने अपने कार्यकाल में भी ईरान पर कड़े प्रतिबंध लगाए थे और परमाणु समझौते से बाहर निकल गए थे।
ईरान के अलावा ये देश हैं शामिल
ईरान के अलावा, जिन अन्य 11 देशों पर प्रतिबंध लगाए गए हैं, उनमें कुछ ऐसे राष्ट्र शामिल हैं जिन पर अमेरिका का आरोप है कि वे आतंकवाद का समर्थन करते हैं, मानवाधिकारों का उल्लंघन करते हैं, या अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक भू-राजनीतिक चुनौती पेश करते हैं। हालांकि, आधिकारिक सूची अभी जारी नहीं की गई है, लेकिन अटकलें हैं कि इसमें सीरिया, क्यूबा, वेनेजुएला, उत्तर कोरिया जैसे देश शामिल हो सकते हैं, जिन पर पहले भी अमेरिकी प्रतिबंध रहे हैं। कुछ अफ्रीकी और एशियाई देशों के भी इसमें शामिल होने की संभावना है, जहां अमेरिकी हितों को खतरा बताया गया है।
अमेरिका को बाहरी खतरों से बचाना है
इन प्रतिबंधों में यात्रा पर रोक, व्यापारिक संबंध विच्छेद, वित्तीय लेनदेन पर प्रतिबंध और अमेरिकी सहायता में कटौती शामिल हो सकती है। ट्रंप का मानना है कि ये कड़े कदम अमेरिका को बाहरी खतरों से बचाने और उसकी वैश्विक स्थिति को मजबूत करने के लिए आवश्यक हैं। इस कदम से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तीखी प्रतिक्रिया होने की संभावना है, खासकर ईरान जैसे देशों से, जो इसे अपनी संप्रभुता पर हमला मान सकते हैं। भू-राजनीतिक समीकरणों पर इन प्रतिबंधों का गहरा असर पड़ सकता है।