टीएसी सिक्योरिटी के 31 वर्षीय संस्थापक, अध्यक्ष और सीईओ त्रिशनीत अरोड़ा ने हुरुन इंडिया रिच लिस्ट 2025 में भारत के सबसे युवा धन सृजनकर्ताओं में 5वां स्थान हासिल करके एक बार फिर पंजाब का गौरव बढ़ाया है। अरोड़ा की कुल संपत्ति इस साल तेज़ी से बढक़र 1,830 करोड़ (215 मिलियन अमेरिकी डॉलर) हो गई है, जो 2024 में 1,100 करोड़ थी। इस वृद्धि के साथ, उनकी समग्र भारत रैंकिंग पिछले साल के 1,463वें स्थान से बढक़र 2025 में 1,207वें स्थान पर पहुँच गई है। उल्लेखनीय रूप से वह लगातार दूसरे वर्ष हुरुन सूची में शामिल होने वाले पंजाब के सबसे युवा व्यक्ति बने हुए हैं।
अपने जुनून को उद्यमिता में बदल दिया
अरोड़ा के सफर को अक्सर प्रेरणादायक बताया जाता है। पंजाब में जन्मे, उन्होंने स्कूल जल्दी छोड़ दिया, लेकिन कंप्यूटर और एथिकल हैकिंग के प्रति अपने जुनून को उद्यमिता में बदल दिया। छोटे-मोटे कामों से शुरू हुआ यह काम जल्द ही ञ्ज्रष्ट सिक्योरिटी में तब्दील हो गया, जो आज एक वैश्विक साइबर सुरक्षा कंपनी है और 100 देशों में 6,000 से ज़्यादा ग्राहकों को सेवाएँ दे रही है, जिनमें फॉच्र्यून 500 कंपनियाँ, सरकारें और महत्वपूर्ण बुनियादी ढाँचा शामिल हैं।
पहली भारतीय साइबर सुरक्षा कंपनी बनकर इतिहास रच दिया
2024 में, टीएसी सिक्योरिटी, सार्वजनिक होने वाली पहली भारतीय साइबर सुरक्षा कंपनी बनकर इतिहास रच दिया। यह आईपीओ भारत के पूंजी बाजार के इतिहास में सबसे ज़्यादा सब्सक्राइब हुआ, और तब से सिर्फ़ नौ महीनों में इसके शेयर में 1,400 प्रतिशत से ज़्यादा की बढ़ोतरी हुई है, जो किसी नए ज़माने की तकनीकी लिस्टिंग के सबसे मज़बूत प्रदर्शनों में से एक है।
- टीएसी के साथ-साथ, अरोड़ा समूह की ब्लॉकचेन और वेब3 सुरक्षा शाखा, साइबरस्कोप का भी नेतृत्व करते हैं। साइबरस्कोप पहले से ही दुनिया की सबसे बड़ी वेब3 सुरक्षा कंपनियों में गिनी जाती है और कंपनी विदेशों में लिस्टिंग की तैयारी कर रही है, जिससे वैश्विक प्रौद्योगिकी मानचित्र पर पंजाब की उपस्थिति और मज़बूत होगी।
- अरोड़ा की उपलब्धियों को दुनिया भर में मान्यता मिली है। उन्हें फोब्र्स 30 अंडर 30, फॉच्र्यून 40 अंडर 40 में शामिल किया गया है, उन्हें वर्ष का सर्वश्रेष्ठ उद्यमी चुना गया है, और स्विट्जरलैंड के सेंट गैलन संगोष्ठी में उन्हें भविष्य के वैश्विक नेता के रूप में चुना गया है।
- पंजाब के एक स्कूल छोडऩे वाले से लेकर विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त उद्यमी बनने तक की अरोड़ा की कहानी युवा पंजाबियों की एक नई पीढ़ी को प्रेरित करती रहती है जो सीमाओं से परे अपनी पहचान बनाने की आकांक्षा रखते हैं।