दिल्ली में इस साल फरवरी में विधानसभा चुनाव होने हैं, जिसके लिए तीनों पार्टियां चुनावी तैयारियों में जुटी हुई हैं। इस बीच सबसे रोचक मुकाबला नई दिल्ली विधानसभा सीट में देखने को मिल सकहा है। दरअसल नई दिल्ली विधानसभा सीट ऐसी सीट है, जो पिछले 6 विधानसभा चुनाव से दिल्ली को मुख्यमंत्री देती आ रही है। 1998 से लेकर 2020 तक के चुनाव में यहां से जीते विधायक ही दिल्ली के मुख्यमंत्री बन रहे हैं। तीन बार शीला दीक्षित ने यहां से जीत हासिल की। बाद में यह अरविंद केजरीवाल की सीट बन गई। वे यहां से लगातार तीन चुनाव जीत चुके हैं। इस बार यहां से पूर्व सीएम केजरीवाल के खिलाफ दिल्ली के पूर्व सीएम के बेटे और दो पूर्व सांसदों ने ताल ठोक दी है।
कांग्रेस-भाजपा ने पेश की चुनौती
कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित को नई दिल्ली सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है। संदीप के पास अपनी पुरानी विरासत को फिर से हासिल करने और कांग्रेस को फिर से लड़ाई में वापसी कराने की चुनौती है। पोस्टरबाजी और सोशल मीडिया में बीजेपी के पूर्व सांसद प्रवेश वर्मा खुद को जिस प्रकार से पेश कर रहे हैं। इससे इस कयास को बल मिल रहा है कि नई दिल्ली से बीजेपी के उम्मीदवार वे हो सकते हैं। प्रवेश वर्मा दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे हैं। उन पर भी अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ाने की चुनौती है। अगर संदीप दीक्षित या प्रवेश वर्मा में से कोई जीतते हैं और अगर उनकी पार्टी सत्ता में आती है तो उनकी पार्टी उन्हें मुख्यमंत्री के तौर पर देख रही है?