आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान में अब खाने-पीने की चीजों के दाम आसमान छू रहे हैं। सब्जियों की कीमतें इतनी बढ़ गई हैं कि टमाटर तो चिकन से भी महंगा हो गया है। देश के कई बड़े शहरों, खासकर कराची में, टमाटर के दाम 700 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गए हैं।
टमाटर की कीमतों में इस बेतहाशा बढ़ोतरी के पीछे मुख्य रूप से दो बड़े कारण हैं। पहला, पाकिस्तान में हाल ही में आई विनाशकारी बाढ़, जिसने बलूचिस्तान, सिंध और दक्षिणी पंजाब जैसे टमाटर उत्पादक क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर फसलों को बर्बाद कर दिया। इससे आपूर्ति में भारी कमी आई है।
दूसरा, और हालिया कारण, अफगानिस्तान के साथ व्यापार मार्ग का प्रभावित होना है। पाकिस्तान में टमाटर की एक बड़ी आपूर्ति पड़ोसी देश अफगानिस्तान से होती है। लेकिन सीमा पर तनाव और व्यापार में रुकावट के कारण अफगान निर्यात रुक गया है, जिससे बाजार में टमाटर की कमी और भी बढ़ गई है। व्यापारियों का कहना है कि ईरानी टमाटर बाजार में आ रहे हैं, लेकिन वे सामान्य आपूर्ति की भरपाई नहीं कर पा रहे हैं।
स्थिति इतनी गंभीर है कि कराची में खुदरा दुकानदार थोक मूल्य से दोगुने से भी अधिक दाम वसूल रहे हैं, जबकि सरकारी खुदरा मूल्य 322 रुपये प्रति किलोग्राम निर्धारित है। इस महंगाई ने आम उपभोक्ताओं की कमर तोड़ दी है, और कई लोगों ने खाना पकाने में टमाटर की जगह टमाटर पेस्ट या दही जैसे विकल्पों का इस्तेमाल शुरू कर दिया है।
सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि ऊंचे दामों के कारण टमाटर की मांग काफी गिर गई है। वहीं, सिंध की अगली फसल अगले महीने तक थोक बाजारों में आने की उम्मीद है, जिससे कीमतों में कुछ राहत मिल सकती है, लेकिन तत्काल कोई बड़ी राहत मिलती नहीं दिख रही है। पाकिस्तान की जनता को इस समय महंगाई की दोहरी मार झेलनी पड़ रही है।