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    Today’s history: लक्ष्मीबाई को छोडऩी पड़ी झांसी.. द्वितीय विश्व युद्ध में 3 हजार की मौत

    दुनिया के इतिहास में 4 अप्रैल का दिन कई अहम घटनाओं का गवाह रहा है। इतिहास में चार अप्रैल का दिन युद्ध की दो बड़ी घटनाओं के साथ जुड़ा है। 1858 में चार अप्रैल के दिन अंग्रेजी सेना के खिलाफ भीषण संघर्ष के बाद झांसी की रानी वीरांगना लक्ष्मीबाई को झांसी छोडऩी पड़ी थी। अंग्रेजों से डटकर लोहा लेने वाली लक्ष्मीबाई झांसी से काल्पी पहुंचीं और फिर वहां से ग्वालियर रवाना हुईं। दूसरे विश्च युद्ध का निर्णायक मोड़ कहा जाने वाला द बैटल ऑफ कोहिमा 1944 को आज ही के दिन शुरू हुआ था, जिसने एशिया की तरफ बढ़ते जापान के कदमों को रोक दिया था। द्वितीय विश्व युद्ध में ऐंग्लो अमेरिकी सेना की बुखारेस्ट में तेलशोधन संयंत्रों पर पहली बमबारी की जिसमें तीन हजार नागरिकों की मौत हो गई थी। 1905 में भारत की कांगड़ा घाटी में आए भीषण भूकंप से 20,000 लोगों की मौत हो गई थी, जो कि बड़ी त्रासदी साबित हुई थी।
    ये हैं अन्य घटनाएं
    1768 में फिलिप एस्ले ने माडर्न सर्कस का पहला शो पेश किया।
    1769 में हैदर अली ने पहले ऐंग्लो-मैसूर युद्ध में शांति की शर्तें तय कीं।
    1818 में अमेरिकी कांग्रेस ने अमेरिका के झंडे को मंजूरी दी।
    1858 में रानी लक्ष्मीबाई को अंग्रेजों से भीषण युद्ध के बाद झांसी को छोडऩा पड़ा।
    1904 में हिंदी सिनेमा के हरदिल अजीज गायक और कलाकार कुंदन लाल सहगल का जन्म।
    1910 में श्री अरबिंदो पुडुचेरी पहुंचे जो बाद में उनके ध्यान और अध्यात्म का केन्द्र बना।
    1968 में मार्टिन लूथर किंग की टेनेसी के मेमफिस में एक मोटेल में हत्या
    1968 में नासा ने अपोलो 6 का प्रक्षेपण किया।
    1975 में बिल गेट्स और पॉल एलेन के बीच भागीदारी से न्यू मैक्सिको के अलबकर्क में माइक्रोसॉफ्ट की स्थापना।
    1979 में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो को मौत की सजा।
    1983 में अंतरिक्ष शटल चैलेंजर ने अपनी पहली उड़ान भरी।

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