बिहार में अगले विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। राष्ट्रीय लोक मोर्चा के सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा ने जनता दल यूनाइटेड (JDU) के नेतृत्व में बदलाव की बड़ी मांग कर सबको चौंका दिया है। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से आग्रह किया है कि वे पार्टी की कमान अपने बेटे निशांत कुमार को सौंप दें।
उपेंद्र कुशवाहा ने हाल ही में नीतीश कुमार के बेटे निशांत के जन्मदिन के अवसर पर उन्हें JDU की “नई उम्मीद” बताया। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के लिए अब सरकार और पार्टी, दोनों का संचालन एक साथ करना उचित नहीं है, और यह राज्य के हित में भी आवश्यक है कि पार्टी की जवाबदेही का हस्तांतरण समय रहते कर दिया जाए। कुशवाहा ने यह भी कहा कि शायद JDU के अन्य नेता मुख्यमंत्री से यह बात कहने से कतरा रहे हैं, इसलिए उन्होंने यह मांग सार्वजनिक रूप से की है। उन्होंने नीतीश कुमार की उम्र और स्वास्थ्य को लेकर चल रही चर्चाओं की ओर भी इशारा किया।
हालांकि, उपेंद्र कुशवाहा की इस मांग पर निशांत कुमार ने खुद राजनीति में आने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि जनता को उनके पिता नीतीश कुमार पर पूरा भरोसा है और उनके काम का इनाम आगामी चुनाव में जरूर मिलेगा। निशांत ने यह भी कहा कि राज्य की जनता में नीतीश कुमार के नेतृत्व को लेकर आज भी विश्वास कायम है और यही विश्वास आगामी चुनाव में उनकी जीत का आधार बनेगा।
कुशवाहा की इस मांग से बिहार की राजनीति में एक नई बहस छिड़ गई है। जहां एक ओर JDU नेतृत्व परिवर्तन की मांग को पार्टी के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण बताया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर निशांत का राजनीति से इनकार नीतीश कुमार के नेतृत्व पर सीधा सवाल खड़ा कर रहा है। आने वाले बिहार चुनाव में इस मुद्दे का क्या असर होगा, यह देखना दिलचस्प होगा।