इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के पूर्व संस्थापक ललित मोदी पर करोड़ों रुपए का गोलमाल करने का आरोप लगा था। इसके बाद वह विदेश भाग गया। उसके रंगीनमिजाजी के चर्चे आम हैं और कुछ दिन पहले उसका नाम सुष्मिता सेन के साथ भी जुड़ा था। भारत का भगोड़ा विदेशों में शान से रह रहा है, लेकिन भारत सरकार भी उसके पीछे पड़ी हुई है। दरअसल उसने अपना भारतीय पासपोर्ट जमा करने के लिए लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग में आवेदन दिया था। खबर थी कि ललित मोदी ने प्रशांत महासागर में स्थित एक द्वीपीय देश वानूआतू की नागरिकता हासिल कर ली है और गोल्डन पासपोर्ट हासिल कर लिया था। हालांकि खबर है कि वानूआतू के प्रधानमंत्री जोथम नापत ने नागरिकता आयोग को मोदी के पासपोर्ट को रद्द करने का निर्देश दिया है। इस तरह ललित मोदी का खेल अब बिगड़ गया है। भारत की कोशिश है कि उसे भारत लाया जाए।
वानूआतू सरकार को कारनामे पता नहीं थे
ललित मोदी को दिए पासपोर्ट को रद्द करने के लिए वानूआतू के प्रधानमंत्री जोथम नापत ने एक उच्चस्तरीय बैठक की। वनुआतू सरकार के मुताबिक, उसे ललित मोदी के कारनामे के बारे में पता नहीं था। अब ललित मोदी की मुश्किलें बढ़ गई हैं। दरअसल वानूआतू दक्षिण प्रशांत महासागर में स्थित एक द्वीप देश है। यह 82 द्वीपों से बना द्वीपसमूह है, जिनमें से केवल 65 पर ही आबादी है। ये छोटा सा देश्ेा ऑस्ट्रेलिया के पूर्व और न्यूजीलैंड के उत्तर में या ऑस्ट्रेलिया और फिजी के बीच में स्थित है। वानूआतू पासपोर्ट होल्डर 56 देशों में बिना वीजा के यात्रा कर सकते हैं। यही वजह है कि भारतीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों से बचने के लिए मोदी ने वानूआतू का गोल्डन पासपोर्ट लिया था। दरअसल वानूआतू अपने नागरिकों पर कोई व्यक्तिगत कर नहीं लगाता है। यहां न तो विरासत कर है और न ही कॉर्पोरेट कर। यही वजह है कि ललित मोदी ने इस छोटे से देश को चुना था।
लंदन में रह रहा था ललित मोदी
ललित मोदी साल 2010 में भारत से भाग गया था और तब से वह लंदन में रह रहा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि ललित मोदी ने लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग में अपना पासपोर्ट जमा करने के लिए आवेदन किया है। इसकी जांच मौजूदा नियमों और प्रक्रियाओं को देखकर की जाएगी। उसने वानूआतू की नागरिकता हासिल कर ली है। हम कानून के तहत उसके खिलाफ मामला आगे बढ़ाना जारी रखेंगे और भारत लाने का प्रयास करेंगे।