भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा आगामी मौद्रिक नीति बैठक में रेपो रेट में बड़ी कटौती की संभावना है, जिससे आम लोगों को बड़ी राहत मिल सकती है। विभिन्न आर्थिक विशेषज्ञों और भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की रिपोर्ट के अनुसार, आरबीआई इस बार रेपो रेट में 25 से 50 आधार अंकों (0.25 प्रशिशत से 0.50 प्रतिशत) तक की कटौती कर सकता है। यदि ऐसा होता है, तो होम लोन, पर्सनल लोन और ऑटो लोन की मासिक किस्त (ईएमआई) में उल्लेखनीय गिरावट आने की उम्मीद है।
लगातार तीसरी बार रेपो रेट में कमी होगी
आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की अगली बैठक 4 जून से शुरू होकर 6 जून को समाप्त होगी और इसी दिन गवर्नर संजय मल्होत्रा नीतिगत दरों की घोषणा करेंगे। इस साल फरवरी और अप्रैल में भी आरबीआई ने रेपो रेट में 0.25-0.25 प्रतिशत की कटौती की थी, जिसके बाद यह 6 प्रतिशत पर आ गया है। अगर इस बार भी कटौती होती है, तो यह 2025 में लगातार तीसरी बार रेपो रेट में कमी होगी। महंगाई दर का औसत लक्ष्य 4 प्रतिशत से नीचे बने रहने और अर्थव्यवस्था में लिक्विडिटी की सहज स्थिति को देखते हुए, विशेषज्ञों का मानना है कि आरबीआई विकास को गति देने के लिए दरों में और कमी करेगा।
आपकी ईएमआई पर क्या होगा असर?
रेपो रेट में कटौती का सीधा असर उन लोगों पर पड़ेगा जिन्होंने फ्लोटिंग रेट पर लोन लिया हुआ है। जब रेपो रेट घटता है, तो बैंकों को आरबीआई से कम ब्याज दर पर पैसा मिलता है, जिसका लाभ वे ग्राहकों को कम ब्याज दरों के रूप में देते हैं। इससे आपके लोन की ब्याज दर कम होगी और नतीजतन, आपकी मासिक किस्त (ईएमआई) भी घट जाएगी। हालांकि जिन लोगों ने फिक्स्ड रेट पर लोन लिया है, उनकी ईएमआई पर इसका कोई असर नहीं होगा। बैंकों ने आरबीआई की पिछली दो कटौतियों के बाद भी अपने रेपो-लिंक्ड लेंडिंग रेट्स में कमी की थी, जिससे ग्राहकों को फायदा हुआ था। अब एक और संभावित कटौती से निश्चित रूप से कर्जदारों को बड़ी राहत मिलेगी, जिससे उनकी वित्तीय बोझ में कमी आएगी और वे अर्थव्यवस्था में खर्च करने के लिए अधिक पैसा बचा पाएंगे।