आगामी भारत-इंग्लैंड क्रिकेट श्रृंखला में एक बड़ा सवाल यह है कि क्या इंग्लैंड के दिग्गज तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन और स्टुअर्ट ब्रॉड की गैर-मौजूदगी भारत के लिए वाकई एक बड़ी राहत साबित होगी। पिछले 18 वर्षों से इन दोनों गेंदबाजों ने मिलकर भारतीय बल्लेबाजी क्रम पर जबरदस्त कहर ढाया है, और अब उनके संन्यास के बाद, कई क्रिकेट पंडित इसे टीम इंडिया के लिए एक सकारात्मक बदलाव के रूप में देख रहे हैं।
एंडरसन और ब्रॉड की जोड़ी ने टेस्ट क्रिकेट में 1300 से अधिक विकेट लिए हैं, जिनमें से एक महत्वपूर्ण संख्या उन्होंने भारत के खिलाफ हासिल की है। इंग्लैंड की स्विंग और सीम वाली पिचों पर उनकी सटीक और लगातार गेंदबाजी का सामना करना भारतीय बल्लेबाजों के लिए हमेशा एक कठिन चुनौती रही है। हाल ही में, भारतीय विकेटकीपर-बल्लेबाज ऋषभ पंत ने भी खुले तौर पर स्वीकार किया था कि इन दोनों दिग्गजों का मैदान पर न होना टीम इंडिया के लिए खुशी की बात है। उनका मानना है कि इन दोनों की कमी से इंग्लैंड का गेंदबाजी आक्रमण कमजोर होगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि एंडरसन और ब्रॉड की अनुपस्थिति से भारतीय बल्लेबाजों को कुछ अधिक स्वतंत्रता मिल सकती है और वे खुलकर रन बना सकते हैं। इन दोनों के अनुभव और खासकर नई गेंद से भारतीय शीर्ष क्रम को परेशान करने की उनकी क्षमता एक बड़ा फैक्टर रही है। हालांकि, इंग्लैंड के पास अब भी जोफ्रा आर्चर, मार्क वुड और ऑली रॉबिन्सन जैसे प्रतिभाशाली तेज गेंदबाज हैं, लेकिन एंडरसन-ब्रॉड जैसी जोड़ी की जगह भरना किसी भी टीम के लिए मुश्किल होगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि भारतीय बल्लेबाज इस अवसर का कितना फायदा उठा पाते हैं।