केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बिहार विधानसभा चुनाव के अंतिम चरण के प्रचार के दौरान सासाराम में एक विशाल रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव पर तीखी टिप्पणी की। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार पर भी जमकर निशाना साधा।
अमित शाह ने सोनिया गांधी और लालू प्रसाद यादव पर वंशवाद की राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि विपक्ष को सिर्फ अपने परिवार की चिंता है:
”ये लालू प्रसाद यादव अपने बेटे (तेजस्वी) को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं और सोनिया जी अपने बेटे (राहुल) को प्रधानमंत्री बनाना चाहती हैं। मैं आज दोनों को कहना चाहता हूँ कि बिहार में और दिल्ली में कहीं जगह खाली नहीं है।”
उन्होंने स्पष्ट किया कि बिहार में मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नीतीश कुमार बैठे हैं और दिल्ली में प्रधानमंत्री की कुर्सी पर नरेंद्र मोदी।
घुसपैठ और आतंकवाद पर वार
शाह ने राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली पूर्व सरकार को घेरा: उन्होंने आरोप लगाया कि सोनिया-मनमोहन-लालू के शासनकाल में आतंकवादी कश्मीर में आते थे, गोलियां चलाते थे और चले जाते थे, लेकिन मोदी सरकार में ऐसा नहीं है। उन्होंने उरी और पुलवामा हमलों का जिक्र करते हुए कहा कि मोदी सरकार ने पाकिस्तान के घर में घुसकर आतंकवादियों का सफाया किया उन्होंने विपक्ष पर घुसपैठियों को बचाने का आरोप लगाते हुए वादा किया कि एनडीए की सरकार एक-एक घुसपैठिए को चुन-चुनकर बिहार से बाहर करेगी, जो गरीबों के अनाज और युवाओं की नौकरी खा रहे हैं।
डिफेंस कॉरिडोर का वादा
शाह ने सासाराम की रैली में एक महत्वपूर्ण घोषणा भी की। उन्होंने कहा कि जहां विपक्ष ‘घुसपैठियों का कॉरिडोर’ बनाना चाहता है, वहीं प्रधानमंत्री मोदी बिहार में ‘डिफेंस कॉरिडोर’ बनाएंगे और आयुध फैक्ट्री स्थापित करेंगे। शाह के इस बयान ने बिहार चुनाव में वंशवाद, घुसपैठ और राष्ट्रवाद के मुद्दों को एक बार फिर केंद्र में ला दिया है।


