उत्तर प्रदेश में हुए विधानसभा के उपचुनाव में से 9 सीटों में से भाजपा ने 7 सीटें जीतीं और सपा को दो सीटें मिली थीं। अब बिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव में 5 फरवरी को वोट डाले जाएंगे और 8 फरवरी को रिजल्ट आएंगे। यह सीट इसलिए भी चर्चाओं में है क्योंकि अयोध्या फैजाबाद के सांसद अवधेश प्रसाद के इस्तीफे के कारण यह रिक्त हुई है। सपा ने यहां से उनके बेटे अजीत प्रसाद को चुनाव मैदान में उतार दिया है। अब भाजपा और योगी आदित्यनाथ के सामने मिल्कीपुर का चुनाव जीतना बड़ी चुनौती साबित हो सकता। यह सीट इसलिए भी चर्चाओं में है क्योंकि जब अयोध्या फैजाबाद से अवधेश प्रसाद जीते थे तो उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली। खुद अखिलेश यादव और राहुल गांधी तक उनके नाम की कसीदे पढ़ते नजर आए। ऐसे में अब जब उनकी खाली हुई सीट पर चुनाव होना है तो इसकी चर्चाएं भी होना स्वाभाविक है।
इसलिए अहम है मिल्कीपुर
मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव समाजवादी पार्टी के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई है। क्योंकि यह सीट सपा के पास ही थी इसलिए उसका जीतना यहां से जरूरी है। वहीं भाजपा का प्रयास होगा कि मिल्कीपुर से सपा को धूल चटाई जाए ताकि जो लोकसभा चुनाव में उसे बढ़त मिली थी, उसका वह दंभ चूर-चूर हो जाए। जिस तरह से जो विधानसभा उपचुनाव सीटों में से भाजपा ने 7 सीटों पर ज्यादा जीत दर्ज की थीं उससे योगी और भाजपा के हौसले बड़े हुए हैं। अब उसका प्रयास होगा कि मिल्कीपुर से सपा को हराते हुए जनता तक एक बड़ा मैसेज दिया जाए।
योगी एक बार आएं या 100 बार, जीतेगी तो सपा ही
सांसद अयोध्या प्रसाद कह रहे हैं कि 2027 के चुनाव का रास्ता मिल्कीपुर से ही होकर निकलेगा। यहां से संदेश जाएगा कि 2027 विधानसभा चुनाव में बीजेपी का सफाया होगा। उनका दावा है कि अखिलेश यादव के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार बनेगी। अयोध्या और राम मंदिर के दर्शन के सवाल पर अवधेश प्रसाद कहते हैं कि मेरा तो पूरा परिवार राममय है। मेरे पूर्वजों का नाम राम से ही शुरू होता है। मेरे पिता मां और ससुर के नाम के आगे भी राम लगा हुआ है। लेकिन बीजेपी के किसी नेता के आगे पीछे राम नहीं है। अवधेश प्रसाद का यह भी कहना है कि मुख्यमंत्री एक बार आएं या 100 बार आएं या रोज आए लेकिन जीत तो समाजवादी पार्टी की ही होगी।