हरियाणा में जमीन घोटाला करने की तैयारी थी। 500 करोड़ की सरकारी जमीन को हड़पने की तैयारी हो चुकी थी। यही नहीं मंत्रिमंडल का फर्जी पत्र तैयार कर लिया गया था। इसी के आधार पर गुरुग्राम में हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण यानि एसएसवीपी की 50 एकड़ जमीन हड़पने का काम शुरू हो गया था। लेकिन मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को इसकी भनक लग गई। उन्होंने एसआईटी का गठन कर जांच कर दोषियों को चिन्हित करने के आदेश दिए हैं।
लोकल पुलिस शामिल नहीं
बताया जाता है कि इस जांच में लोकल पुलिस शामिल नहीं है। बल्कि पंचूकूला क्राइम ब्रांच को जांच का जिम्मा सौंपा गया है। इस मामले में छल लोगों को हिरासत में लिया गया है। इस घोटाले में दलालों और प्रापर्टी डीलरों का बड़ा हाथ बताया जा रहा है, जबकि मुख्य सचिव कार्यालय की कैबिनेट ब्रांच, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग और अधिकारियों-कर्मचारियों की संलिप्तता भी थी। मंत्रिमंडल के फर्जी पत्र के आधार पर गुरुग्राम के राजीव चौक, बदशाहपुर और घासौला की जमीन को पंजीकृत किया जाना था, लेकिन भ्रष्टाचारियों की दाल नहीं गली और यह गड़बड़ी उजागर हो गई। इस घोटाले में कैथल का कलायत नाम का एक व्यक्ति मास्टरमाइंड है। पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।