बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले, राज्य निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) ने सभी राजनीतिक दलों की सहमति के बाद ‘सीनियर इंटेलिजेंस रिपोर्ट’ (SIR) को लेकर एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है। चुनाव आयोग ने उन उम्मीदवारों की अंतिम सूची जारी कर दी है जिनके खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। यह पहला मौका है जब राजनीतिक दलों ने इस तरह की सूची पर कोई आपत्ति नहीं जताई है।
चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि SIR के तहत उन सभी उम्मीदवारों के नाम शामिल हैं, जिनके खिलाफ हत्या, अपहरण, बलात्कार या अन्य गंभीर अपराधों से जुड़े मामले दर्ज हैं। इन उम्मीदवारों को अपने आपराधिक रिकॉर्ड का विज्ञापन तीन बार अखबारों और टीवी चैनलों पर देना अनिवार्य होगा, ताकि जनता को उनके बारे में पूरी जानकारी मिल सके।
इस फैसले पर बिहार के सभी प्रमुख राजनीतिक दलों, जिनमें जनता दल (यूनाइटेड), राष्ट्रीय जनता दल (RJD), भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस शामिल हैं, ने सहमति जताई है। दलों के प्रतिनिधियों ने चुनाव आयोग को लिखित में दिया है कि उन्हें इस सूची पर कोई आपत्ति नहीं है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह एक सकारात्मक कदम है, जो बिहार की राजनीति में पारदर्शिता लाने में मदद करेगा। दलों पर जनता का दबाव बढ़ रहा था कि वे स्वच्छ छवि वाले उम्मीदवारों को ही टिकट दें। इस सूची के सार्वजनिक होने से मतदाताओं को सही उम्मीदवार चुनने में मदद मिलेगी। साथ ही, यह उन उम्मीदवारों पर भी दबाव बनाएगा जिनके खिलाफ गंभीर मामले दर्ज हैं। यह फैसला बिहार में राजनीतिक शुचिता की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।