सुप्रीम कोर्ट ने यूट्यूबर रणवीर अल्लाहबादिया को गिरफ्तारी और एफआईआर से अंतरिम राहत दे दी है, लेकिन इस पर उन्हें लताड़ भी लगाई है। कोर्ट ने कहा है कि रणवीर अल्लाहबादिया ने जो भी कहा, वह निहायत ही शर्मनाक है। इनके दिमाग में बहुत गंदगी भरी हुई है। कोर्ट ने कहा कि रणवीर या उनके सहयोगी आगे सुनवाई पूरी होने तक कोई शो नहीं करेंगे। कोर्ट की इजाजत के बिना देश छोडक़र नहीं जाएंगे। अलाहाबादिया की ओर से वकील डॉ. अभिनव चंद्रचूड़ ने पैरवी की। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटेश्वर सिंह की बेंच के समक्ष याचिका दाखिल की गई थी। अलग-अलग राज्यों में दर्ज मामले की एक साथ क्लब करने की अपील की थी।
धरती पर कोई ऐसा है जो इस तरह की भाषा को पसंद करेगा
जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि अगर यह अश्लील नहीं है तो क्या है? आप अपनी अश्लीलता कभी भी दिखा सकते हैं और अपनी बदतमीजी दिखा सकते हैं। सिर्फ़ दो एफआईआर हैं। इस तरह के व्यवहार की निंदा की जानी चाहिए। सिर्फ इसलिए कि आप लोकप्रिय हैं, आप समाज को हल्के में नहीं ले सकते। क्या धरती पर कोई ऐसा है, जो इस तरह की भाषा को पसंद करेगा। इनके दिमाग में बहुत गंदगी है जो उगल रही है। हमें उनकी रक्षा क्यों करनी चाहिए? जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि आपने जो शब्द चुने हैं, उनसे माता-पिता शर्मिंदा होंगे। बहन-बेटियों को शर्म आएगी। पूरा समाज शर्मसार होगा। जस्टिस सूर्यकांत ने कहाकि उसे शर्म आनी चाहिए कि उसने अपने माता-पिता के साथ क्या किया। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई और गुवाहाटी में एफआईआर के तहत याचिकाकर्ता की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी। शर्त रखी कि रणवीर अलाहाबादिया को जब भी बुलाया जाए, वह जांच में शामिल होगा।