छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय जैन समाज द्वारा आयोजित सिद्धितपकी पूर्णहुति पर सिद्धिशिखर विजय उत्सव में सरदार बलबीर सिंह जुनेजा इंडोर स्टेडियम में शामिल हुए। साय ने कहा कि जैन समाज में तपस्या की महान परंपरा है। ऐसी तपस्या से छत्तीसगढ़ में खुशहाली आएगी और सुख-समृद्ध होगा। 11 साल के बेटे, 13 वर्ष की बेटी से लेकर 80 वर्ष की माता सहित 114 तपस्वियों ने 44 दिन तक जैन परंपरा के अनुसार 4500 तरह के व्रत रखकर कठोर साधना की। जिनका आज हमने सम्मान किया है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि जैन समाज के संत-मुनि बिना चरण पादुका के हजारों मील पैदल यात्रा करते हैं। खान-पान का संयम रखकर मानव समाज के कल्याण के लिए प्रार्थना करते हैं। जैन धर्म एक ऐसा धर्म है, जहां पर गलतियों को स्वीकार करने और क्षमा मांगने की महान परंपरा है।
सीएम साय ने कहा कि प्रभु राम के ननिहाल और माता कौशल्या की पुण्य भूमि पर पधारे संतों के चरणों को मैं शत-शत नमन करता हूं। छत्तीसगढ़ को उनका आशीर्वाद हमेशा से मिलते रहा है। उनके आशीर्वाद से प्रदेश में खुशहाली आए हर घर में सुख-समृद्धि रहे। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ को संतों का आशीर्वाद हमेशा से मिलता रहा है। संतों की प्रेरणा से यह आध्यात्मिक तपस्या संभव हुई। गुरुओं के आशीर्वाद से हमेशा ताकत और प्ररेणा मिलती रही है। प्रभु राम का ननिहाल हमेशा से शांति का टापू रहा है और यहां सुख-समृद्धि रहे ऐसी कामना है। रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि जैन समाज के तपस्वियों को बहुत-बहुत बधाई। इनकी तपस्या से छत्तीसगढ़ की धर्मभूमि, कर्मभूमि सुखशाली, समृद्धिशाली बने। सभी संतों के प्रवचनों को जीवन में आत्मसात करे। पूज्य जयपाल विजयजी महाराज ने भी उद्बोधन दिया।