रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया मुलाकात ने वैश्विक कूटनीति के गलियारों में हलचल मचा दी है। दोनों नेताओं के बीच दिखी असाधारण गर्मजोशी और व्यक्तिगत समीपता को अमेरिकी मीडिया ने भारत का “शक्तिशाली भू-राजनीतिक संकेत” (Strong Geopolitical Statement) बताया है। अमेरिका और यूरोप के प्रमुख विश्लेषकों ने इस घटनाक्रम पर एकमत से टिप्पणी करते हुए कहा है कि भारत ने दुनिया को यह स्पष्ट संदेश दिया है कि वह किसी भी बाहरी दबाव या गुटबाजी से प्रभावित हुए बिना अपने रणनीतिक फैसले स्वयं लेगा।
कूटनीतिक प्रतीक और भरोसे का विरला उदाहरण
इस मुलाकात का सबसे बड़ा आकर्षण दो अभूतपूर्व कूटनीतिक संकेत थे:
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वयं एयरपोर्ट पहुंचकर राष्ट्रपति पुतिन का स्वागत करना अमेरिकी मीडिया की प्रमुख सुर्खी बन गया। द न्यूयॉर्क टाइम्स और द वॉशिंगटन पोस्ट जैसे प्रमुख समाचार पत्रों ने इसे भारत की ओर से पुतिन के लिए एक कूटनीतिक सरप्राइज और असाधारण सम्मान बताया।
- राष्ट्रपति पुतिन ने विदेश यात्राओं के दौरान अपनी सुरक्षा सुविधाओं वाली कार में सफर करने का अपना चिर-परिचित प्रोटोकॉल तोड़ दिया। उन्होंने पीएम मोदी की कार में बैठकर प्रधानमंत्री आवास तक की यात्रा की। पश्चिमी विश्लेषकों ने इस कदम को भरोसे का विरला उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि यह न केवल व्यक्तिगत समीपता का प्रतीक है, बल्कि यह भी संकेत है कि पुतिन भारत को विश्व भू-राजनीति में अपने भरोसेमंद स्तंभ के रूप में देखते हैं।
अमेरिकी मीडिया बोला- भारत नहीं छोड़ेगा रणनीतिक स्वायत्तता
अमेरिकी विश्लेषकों ने इस मुलाकात को भारत की रणनीतिक स्वायत्तता का दृढ़ प्रदर्शन बताया है। अमेरिकी मीडिया ने रेखांकित किया कि यह यात्रा ऐसे समय में हुई है जब अमेरिका के साथ टैरिफ, ट्रेड बैलेंस और तकनीकी निर्यात प्रतिबंधों को लेकर हाल में कड़वाहट बढ़ी है।
द वॉल स्ट्रीट जर्नल सहित प्रमुख मीडिया आउटलेट्स के अनुसार, भारत ने यह स्पष्ट संदेश दे दिया है कि वह किसी भी बाहरी दबाव या धुरी से प्रभावित हुए बिना अपनी विदेश नीति और राष्ट्रीय हितों के आधार पर स्वतंत्र निर्णय लेने की क्षमता रखता है। भारत ने यह भी साफ कर दिया है कि वह दबाव में न तो निर्णय लेगा और न अपने रिश्तों की प्राथमिकताओं को बदलने देगा।
रूस और यूरोप की प्रतिक्रिया
- रूसी मीडिया ने पीएम मोदी के एयरपोर्ट पहुंचने को असाधारण सम्मान बताते हुए कहा कि वैश्विक दबावों के बीच भी भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि रूस उसके रणनीतिक मानचित्र में आज भी केंद्रीय साझेदार है। यह पुतिन के साथ मोदी के विशेष संबंधों का स्पष्ट संकेत है।
- बीबीसी और फाइनेंशियल टाइम्स जैसे यूरोपीय मीडिया संस्थानों ने कहा कि भारत अपनी बहुध्रुवीय विदेश नीति पर कायम है और वह ऊर्जा तथा रक्षा साझेदारी में रूस को महत्वपूर्ण मानकर चलता रहेगा।
- मोदी-पुतिन की केमिस्ट्री ने एक शक्तिशाली भू-राजनीतिक संदेश दिया है, जिसने पश्चिमी देशों को यह स्पष्ट कर दिया है कि नई दिल्ली की विदेश नीति स्वतंत्र और राष्ट्रीय हितों पर आधारित रहेगी।


