जातिगत जनगणना के मुद्दे पर श्रेय लेने की होड़ में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। दिल्ली की सडक़ों पर लगे राहुल गांधी के पोस्टरों ने इस बहस को और हवा दे दी है। इन पोस्टरों में राहुल गांधी को जातिगत जनगणना के पैरोकार के रूप में दर्शाया गया है। पोस्टरों पर लिखे नारे झुकती है दुनिया, झुकाने वाला चाहिए और सरकार किसी की हो, सिस्टम गांधी का ही चलेगा.. यह जताते हैं कि कांग्रेस इस फैसले को अपनी जीत के रूप में देख रही है।
कांग्रेस का यह है दावा
कांग्रेस का कहना है कि यह फैसला राहुल गांधी के लगातार प्रयासों और उनकी पार्टी द्वारा उठाए गए मुद्दों का नतीजा है। कांग्रेस नेताओं ने यह भी कहा है कि उन्होंने पूरे देश में जमीनी स्तर पर अभियान चलाया, सरकार का यह फैसला उसी का नतीजा है। इस मुद्दे पर अन्य विपक्षी दलों ने भी अपनी-अपनी दावेदारी पेश की है।
बिहार में राजद और जदयू के बीच पोस्टर वार
बिहार में राजद और जदयू के बीच भी पोस्टर वार देखने को मिला है। विभिन्न दलों के नेता इस फैसले को अपनी-अपनी राजनीतिक जीत बता रहे हैं। भाजपा ने कांग्रेस के दावों को खारिज करते हुए कहा है कि सरकार ने यह फैसला देशहित में लिया है। भाजपा ने कांग्रेस पर जातिगत जनगणना को राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है।
अपने-अपने फायदे की राजनीतिक
जातिगत जनगणना एक संवेदनशील मुद्दा है और राजनीतिक दल इसका इस्तेमाल अपने-अपने फायदे के लिए कर रहे हैं। दिल्ली में लगे राहुल गांधी के पोस्टर भी इसी रणनीति का हिस्सा हैं। हालांकि यह देखना बाकी है कि इस मुद्दे का चुनावी नतीजों पर क्या असर पड़ता है।