गाजा पट्टी में जारी संघर्ष पर विराम लगाने की उम्मीदें अब बढ़ गई हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के बीच आज न्यूयॉर्क में होने वाली मुलाकात में युद्धविराम को लेकर बड़ा ऐलान होने की संभावना है। दोनों नेताओं के बीच यह बैठक गाजा में लंबे समय से चल रहे तनाव को खत्म करने के प्रयासों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा मानी जा रही है।
कूटनीतिक सूत्रों के अनुसार, पिछले कुछ हफ्तों से मिस्र, कतर और संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता में इजरायल और हमास के बीच अप्रत्यक्ष बातचीत चल रही थी। इन वार्ताओं के दौरान कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर सहमति बनने की खबर है, जिनमें बंधकों की रिहाई, मानवीय सहायता का प्रवाह और गाजा में शांति बहाली के लिए एक दीर्घकालिक योजना शामिल है।
राष्ट्रपति ट्रंप ने पहले ही संकेत दिए थे कि वह गाजा में शांति स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उनकी नेतन्याहू से मुलाकात को इसी दिशा में एक निर्णायक कदम के तौर पर देखा जा रहा है। अगर आज की बैठक में युद्धविराम की घोषणा होती है, तो यह दोनों पक्षों के लिए एक बड़ी राहत होगी और हजारों निर्दोष लोगों की जान बचाने में मदद मिलेगी।
हालांकि, सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या इजरायल और हमास इस युद्धविराम का सम्मान करेंगे? अतीत में भी कई बार युद्धविराम समझौतों पर सहमति बनी है, लेकिन वे ज्यादा समय तक टिक नहीं पाए हैं। हमास के राजनीतिक ब्यूरो के प्रमुख इस्माइल हानियेह ने हाल ही में एक बयान में कहा था कि वे किसी भी ऐसे समझौते का स्वागत करेंगे जो गाजा के लोगों के हितों की रक्षा करता हो और मानवीय स्थिति में सुधार लाता हो। वहीं, नेतन्याहू प्रशासन ने भी अंतरराष्ट्रीय दबाव के चलते युद्धविराम की दिशा में लचीला रुख अपनाया है।
अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की निगाहें इस मुलाकात पर टिकी हैं, यह देखने के लिए कि क्या इस बार गाजा में स्थायी शांति की किरण दिखाई देगी, या एक बार फिर दोनों पक्ष अपने पुराने रवैये पर लौट आएंगे। अगर यह युद्धविराम सफल होता है, तो यह मध्य पूर्व में शांति प्रयासों के लिए एक मील का पत्थर साबित हो सकता है।