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    प्रयागराज की दीवारों पर महाकुंभ की गाथा.. होगी धर्म और अध्यात्म की अनुभूति

    उप्र के प्रयागराज में 13 जनवरी 2025 से महाकुंभ का आगाज हो जाएगा। दुनिया के इस सबसे बड़े धार्मिक आयोजन में देश-विदेश के 40 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु संगमनगरी में आएंगे और पवित्र जल से स्नान करेंगे। ऐसे में इस आयोजन को भव्य बनाने के लिए योगी सरकार कोई कोर-कसर नहीं छोडऩा चाहती। प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने शहर की दीवारों और चौराहों को भव्य स्वरूप देने की तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसके लिए अलग से बजट भी तय किया गया है। 60 करोड़ रुपए की लागत से कुंभनगरी की दीवारें और चौराहों को संवारा जाने वाला है। शहर की प्रमुख दीवारों में स्ट्रीट आर्ट, चौराहों में म्यूरल्स, ट्रैफिक साइनजेस, स्कल्पचर, लैंड स्केपिंग, ग्रीन बेल्ट और हॉर्टिकल्चर का काम कराया जा रहा है, जिसमें महाकुंभ की गाथा होगी, तो साधु-संतों और देवी-देवताओं के चित्र बनाए जाएंगे जिससे श्रद्धालुओं को धर्म और अध्यात्म की अनुभूति होगी।

    60 करोड़ से धरातल पर कार्ययोजना

    योगी सरकार महाकुंभ को दिव्य, भव्य, नव्य और हरित स्वरूप देने के साथ ही तकनीक का भी उपयोग करेगी, ताकि ये आयोजन श्रद्धालुओं के लिए यादगार बन सके। एक तरफ जहां कुंभ क्षेत्र की कार्ययोजना धरातल पर उतारी जा रही है तो वहीं कुंभ क्षेत्र से बाहर शहर के अंदर भी सडक़ों के चौड़ीकरण से लेकर शहर की दीवारों और चौराहों को नया स्वरूप दिया जा रहा है। श्रद्धालुओं और पर्यटकों को कुंभ क्षेत्र में धर्म और अध्यात्म की अनुभूति होगी। शहर के सौंदर्यीकरण के लिए 60 करोड़ का बजट रखा गया है। कुंभ नगरी प्रयागराज की दीवारें भी श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आकर्षित करेंगी। 10 लाख वर्ग फुट क्षेत्रफल में पेंटिंग बनाई जाएगी। शहर के सभी चौराहों में सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संदेश देने वाले म्यूरल्स लगाए जाएंगे। इलाहाबाद विश्वविद्यालय और बनारस हिंदू विश्व विद्यालय के फाइन आट्र्स के स्टूडेंट यह काम करेंगे। सडक़ों के किनारे बनी इमारतों की दीवारों पर ये मनोहारी पेंटिंग्स कुंभ का वैभव और संस्कृति की अनुभूति कराएंगी।

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