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    साहिबजादों ने कट्टरता-आतंक को हराया था, PM मोदी ने Gen Z से यह कहा

    26 दिसंबर, 2025 को वीर बाल दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित राष्ट्रीय कार्यक्रम को संबोधित किया। यह दिन गुरु गोबिंद सिंह जी के चार साहिबजादों—जोरावर सिंह, फतेह सिंह, अजीत सिंह और जुझार सिंह—की शहादत और अदम्य साहस को समर्पित है।

    ​प्रधानमंत्री के संबोधन की प्रमुख बातें इस प्रकार हैं:

    मजहबी कट्टरता और आतंक पर कड़ा प्रहार

    • अटूट विश्वास: पीएम मोदी ने कहा कि वीर साहिबजादों ने छोटी उम्र में जो बलिदान दिया, उसने उस समय की मजहबी कट्टरता और आतंक के वजूद को हिलाकर रख दिया था। उन्होंने दिखाया कि सत्य और धर्म की रक्षा के लिए किसी भी उम्र में सर्वोच्च बलिदान दिया जा सकता है।
    • अन्याय के खिलाफ ढाल: प्रधानमंत्री ने साहिबजादों की शहादत को भारतीय इतिहास का वह गौरवशाली अध्याय बताया, जो हमें सिखाता है कि अन्याय के सामने झुकना नहीं, बल्कि सीना तानकर खड़ा होना ही असली वीरता है।

    जेन जी (Gen Z) और विकसित भारत

    • युवा शक्ति पर भरोसा: प्रधानमंत्री ने आज की युवा पीढ़ी यानी ‘जेन जी’ (Gen Z) को संबोधित करते हुए कहा कि यही वह पीढ़ी है जो भारत को ‘विकसित भारत 2047’ के लक्ष्य तक ले जाएगी।
    • संकल्प से सिद्धि: उन्होंने युवाओं का आह्वान किया कि वे साहिबजादों के जीवन से प्रेरणा लें और देश के गौरव को वैश्विक पटल पर नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएं। पीएम ने कहा कि भारत का युवा आज तकनीक, इनोवेशन और खेल जैसे हर क्षेत्र में अपनी धाक जमा रहा है।

    सांस्कृतिक और ऐतिहासिक गौरव

    • विरासत का सम्मान: पीएम ने इस बात पर जोर दिया कि सालों तक देश के असली नायकों की कहानियों को दबाया गया, लेकिन ‘वीर बाल दिवस’ के माध्यम से अब हर घर में साहिबजादों के शौर्य की गूंज सुनाई दे रही है।
    • राष्ट्रपति द्वारा सम्मान: इस कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने 20 बच्चों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से भी सम्मानित किया, जिनसे पीएम मोदी ने व्यक्तिगत रूप से संवाद कर उनकी उपलब्धियों की सराहना की।

    इतिहास की झलक

    ​26 दिसंबर का दिन विशेष रूप से छोटे साहिबजादों—बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह—की याद में मनाया जाता है, जिन्हें औरंगजेब के शासनकाल के दौरान धर्म परिवर्तन से इनकार करने पर सरहिंद के नवाब ने जिंदा दीवारों में चुनवा दिया था।

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