ऑपरेशन सिंदूर में राफेल लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल किया गया था। लेकिन 2019 के चुनाव के आसपास कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने राफेल विमान की खरीद को लेकर, इसकी कीमत और क्षमताओं पर सवाल उठाए थे। फ्रांंस से खरीदे गए इन्हीं विमानों ने एलओसी पार किए बिने सटीक निशाना साधा और पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकाने तबाह कर दिए। इससे यह साबित होता है कि राफेल न सिर्फ उन्नत तकनीक से लैस हैं, बल्कि भारत के लिए अनुकूल भी हैं, क्योंकि यह पहली बार होगा जब इनका इस्तेमाल युद्ध जैसी परिस्थितियों में किया गया है।
राफेल की हैं ये विशेषताएं
- सटीक निशाना : राफेल विमानों ने लंबी दूरी से सटीक निशाना लगाकर आतंकी ठिकानों को ध्वस्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- एडवांस तकनीक : राफेल की आधुनिक तकनीक और हथियारों ने इस ऑपरेशन में भारतीय वायुसेना को बढ़त दिलाई।
- रणनीतिक महत्व : राफेल की तैनाती ने ऑपरेशन सिंदूर को और भी रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण बना दिया।
- ऑपरेशन सिंदूर में राफेल विमानों के सफल इस्तेमाल ने उनकी क्षमताओं को साबित किया है।
चुनावी मुद्दा बनाया था
राहुल गांधी ने राफेल विमान की खरीद को लेकर इसकी कीमत और क्षमताओं पर कई बार सवाल उठाए थे। 1 यह मुद्दा 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान एक प्रमुख राजनीतिक मुद्दा बन गया था। उन्होंने आरोप लगाया कि राफेल विमान की कीमत यूपीए सरकार द्वारा तय की गई कीमत से काफी अधिक है। उन्होंने सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि इस सौदे में एक निजी कंपनी को अनुचित लाभ पहुंचाया गया।
- क्षमताओं पर सवाल : उन्होंने राफेल विमान की क्षमताओं पर भी सवाल उठाए थे। हालांकि यह सवाल कीमत के मुकाबले अधिक गौण थे। उन्होंने विमान की तकनीक और हथियारों की प्रभावशीलता पर संदेह जताया था।
- ऑफसेट डील : राहुल गांधी ने ऑफसेट डील को लेकर भी सवाल उठाए थे। उन्होंने आरोप लगाया था कि सरकार ने एक ऐसी कंपनी को ऑफसेट पार्टनर चुना जिसके पास विमान बनाने का कोई अनुभव नहीं था।
- सुप्रीम कोर्ट भी गया मामला : इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दायर की गई थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को क्लीन चिट दे दी थी।