प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राजस्थान के बीकानेर से पाकिस्तान और उसके कथित सहयोगियों, खासकर चीन और तुर्की को एक तीखा और सीधा संदेश दिया। ऑपरेशन सिंदूर के बाद अपनी इस पहली सार्वजनिक सभा में पीएम मोदी ने स्पष्ट किया कि भारत अपनी सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं करेगा और उन लोगों को बख्शा नहीं जाएगा जिन्हें अपने हथियारों पर घमंड था। बीकानेर के पलाना में एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने हाल ही में हुए आतंकवादी हमले और उसके बाद भारत द्वारा की गई त्वरित जवाबी कार्रवाई ऑपरेशन सिंदूर का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि जो अपने हथियारों पर घमंड करते थे, वो अब मलबे के ढेर में पड़े हुए हैं। इस बयान को ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय वायुसेना द्वारा पाकिस्तान की पीएल-15 ई मिसाइल जैसे हथियारों को तबाह करने के संदर्भ में देखा जा रहा है।
आकाओं और आतंकवाद को पनाह देने वालों के बीच कोई भेद नहीं
प्रधानमंत्री ने अप्रत्यक्ष रूप से पाकिस्तान के मददगारों, खासकर चीन और तुर्की को भी आड़े हाथों लिया। हालांकि उन्होंने किसी देश का सीधा नाम नहीं लिया, लेकिन ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान को चीन और तुर्की से मिले कुछ हथियारों का इस्तेमाल किया गया था और भारतीय सेना ने उनके हिस्सों को बरामद भी किया था। पीएम मोदी का यह बयान उन्हीं देशों को एक मजबूत चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है जो परोक्ष रूप से भारत विरोधी गतिविधियों का समर्थन करते हैं। मोदी ने अपने भाषण में जोर देकर कहा कि भारत अब आतंकवाद के आकाओं और आतंकवाद को पनाह देने वालों के बीच कोई भेद नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि हम दोनों पर सख्त कार्रवाई करेंगे। यह भारत की विदेश नीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव को दर्शाता है, जहां अब आतंकवाद को केवल पाकिस्तान से जुड़ा मुद्दा नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर समर्थित खतरे के रूप में देखा जा रहा है।
सिंदूर मिटाने निकले थे, उन्हें मिट्टी में मिलाया
प्रधानमंत्री ने यह भी दोहराया कि “जो सिंदूर मिटाने निकले थे, उन्हें मिट्टी में मिलाया है, जो भारत की जवाबी कार्रवाई की दृढ़ता और सफलता को दर्शाता है। उनका यह भाषण न केवल घरेलू मोर्चे पर आत्मविश्वास पैदा करने वाला था, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी यह स्पष्ट संदेश था कि भारत अपनी संप्रभुता और सुरक्षा पर किसी भी हमले का मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है।