उत्तर प्रदेश की रामनगरी अयोध्या एक बार फिर ऐतिहासिक पल की साक्षी बनने जा रही है। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के भव्य निर्माण की पूर्णता की औपचारिक घोषणा 25 नवंबर को ध्वजारोहण समारोह के माध्यम से की जाएगी। प्रधानमंत्री मंदिर के 161 फीट ऊंचे मुख्य शिखर सहित सातों शिखरों पर भगवा ध्वज फहराएंगे। समारोह में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत भी मौजूद रहेंगे। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर ध्वजारोहण समारोह की अंतिम तैयारियां ज़ोरों पर हैं।
प्रथम तल पर राम परिवार की स्थापना
श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने प्रधानमंत्री के प्रस्तावित कार्यक्रम के विषय में चर्चा करते हुए कहा: “हम चाहते हैं कि प्रधानमंत्री परिसर में आएं और सभी निर्माण कार्यों को देखें। प्रथम तल पर राम परिवार की स्थापना हुई है। उनकी आरती के लिए कार्यक्रम रखा गया है। ये सभी कार्यक्रम प्रधानमंत्री कार्यालय के सुझाव के लिए भेजे जाएंगे।” उन्होंने यह भी बताया कि मंदिर के अधिकांश निर्माण कार्य पूर्ण हो रहे हैं और संग्रहालय के लिए एक समझौते को अंतिम रूप दिया जाएगा। 25 नवंबर को ध्वजारोहण के साथ ही मंदिर निर्माण की पूर्णता की औपचारिक घोषणा हो जाएगी, जो अयोध्या के इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय जोड़ेगा।
- भगवान श्री राम के बाल्य स्वरूप रामलला की नई प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा की गई।
- राम परिवार की स्थापना मंदिर के प्रथम तल पर की गई है।
- राम परिवार में मुख्य रूप से भगवान राम के साथ उनकी पत्नी सीता, भाई लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न, और भक्त हनुमान की मूर्तियाँ शामिल होती हैं।
- मंदिर परिसर के चारों कोनों पर भी भगवान शिव (महादेव), गणेश, हनुमान, और माँ भगवती (दुर्गा) को समर्पित मंदिर बनाए गए हैं, जिन्हें मुख्य मंदिर के साथ ‘राम परिवार’ के व्यापक परिसर का हिस्सा माना जाता है।


