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    बिहार में सबसे ज्यादा सुरक्षित एक कुत्ता है, सुप्रिया श्रीनेत ने नीतीश पर कसा तंज

    बिहार में कानून व्यवस्था और प्राथमिकता को लेकर एक बार फिर तीखी बहस छिड़ गई है। हाल ही में एक सांसद का कुत्ता खो जाने के बाद उसे खोजने में पूरे पुलिस प्रशासन के लग जाने और अंततः उसे खोज निकालने की घटना पर कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने बिहार सरकार पर करारा तंज कसा है। उन्होंने कहा कि “बिहार में सबसे ज्यादा सुरक्षित एक कुत्ता है,” जबकि आम आदमी अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित है । उन्होंने कहा कि बिहार में सबसे ज्यादा सुरक्षित एक कुत्ता है। यहां एक सांसद जी का कुत्ता खो गया, तो उसे खोजने के लिए पूरा पुलिस प्रशासन लग गया और अंत में खोज निकाला। लेकिन काश इसी प्रतिबद्धता से बिहार सरकार और प्रशासन यहां के बच्चों, कारोबारियों और महिलाओं को भी बचा पाते। सवाल है कि क्या बिहार सरकार और प्रशासन बच्चों, कारोबारियों और महिलाओं के लिए नहीं हैं- आखिर यह सरकार किसके लिए चल रही है? सवाल ये भी है कि बिहार अपराध और रक्त रंजन से क्यों भर चुका है?

    यह मामला मधेपुरा जिले का बताया जा रहा है, जहां एक स्थानीय सांसद का पालतू कुत्ता कुछ दिन पहले गायब हो गया था। सूत्रों के अनुसार, कुत्ते के लापता होने की खबर मिलते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। जिले के कई थानों की पुलिस टीमों को कुत्ते को खोजने के काम में लगाया गया। दिन-रात की तलाश के बाद, पुलिस ने आखिरकार उस कुत्ते को ढूंढ निकाला और सांसद को सौंप दिया।

    इस घटना के सामने आने के बाद, कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत कहा कि “बिहार में सबसे ज्यादा सुरक्षित एक कुत्ता है। क्या यही बिहार की प्राथमिकता है?” उन्होंने आगे सवाल उठाया कि जब आम जनता के मामले में पुलिस इतनी तत्परता नहीं दिखाती, तो एक जानवर के लिए इतना बड़ा अमला क्यों लगाया गया।

    श्रीनेत के इस बयान ने बिहार की राजनीति में नया उबाल ला दिया है। विपक्षी दल कानून व्यवस्था के मुद्दे पर सरकार को लगातार घेर रहे हैं, और इस घटना ने उन्हें एक और मौका दे दिया है। सामाजिक कार्यकर्ताओं और आम जनता ने भी इस घटना पर अपनी नाराजगी व्यक्त की है। उनका कहना है कि जब चोरी, लूट और अन्य गंभीर अपराधों की शिकायतें लंबित पड़ी हैं, ऐसे में पुलिस संसाधनों का इस तरह उपयोग करना न्यायसंगत नहीं है।

    बिहार पुलिस और राज्य सरकार की ओर से अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। यह घटना निश्चित तौर पर आने वाले दिनों में राजनीतिक बहस का एक बड़ा मुद्दा बनी रहेगी।

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