अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से लगाए गए टैरिफ के बाद दुनियाभर के बाजार डर और आशंकाओं से घिरे हुए हैं। अमेरिकी बाजार भी लडख़ड़ा रहा है। शुक्रवार को सेंसेक्स, निफ्टी में भारी गिरावट देखी गई। सोमवार को एशियाई शेयर बाजार भी चरमरा गया। जवाबी टैरिफ से उपजी आशंकाओं और अमेरिकी बाजार की रिकॉर्ड गिरावट के बाद घरेलू शेयर बाजार में भारी गिरावट हुई। सेंसेक्स और निफ्टी फिर से धड़ाम हो गए। फिलहाल सेंसेक्स 3000 अंक और निफ्टी 1000 अंक लुढक़कर कारोबार कर रहे हैं। पहले कारोबारी दिन शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स और निफ्टी पस्त हो गए। सेंसेक्स 3,939.68 अंक गिरकर 71,425.01 अंक पर खुला, जबकि निफ्टी 1,160.8 अंक गिरकर 21,743.65 अंक पर आ गया। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले शुरुआती कारोबार में रुपया 30 पैसे गिरकर 85.74 डॉलर पर आ गया।
30 शेयर लाल निशान पर कारोबार कर रहे
सेंसेक्स के सभी 30 शेयर लाल निशान पर कारोबार कर रहे हैं। टाटा स्टील, टाटा मोटर्स और इंफोसिस के शेयरों में भारी गिरावट देखी जा रही है। टेक महिंद्रा, एचसीएल टेक और एलएंडटी में भी गिरावट दर्ज की जा रही है। एनएसई के सेक्टोरल इंडेक्स में निफ्टी मेटल सबसे ज्यादा टूटा। इसके साथ आईटी, ऑयल एंड गैस और हेल्थकेयर इंडेक्स में भी गिरावट दर्ज की गई है। ऑटो, रियल्टी और मीडिया इंडेक्स 5 प्रतिशत से ज्यादा नीचे आ गए हैं। 4 अप्रैल को भी भारतीय शेयर सूचकांक सेंसेक्स 900 अंक से अधिक टूटकर 76,000 के स्तर से नीचे आ गया था, जबकि 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 930.67 अंक या 1.22 प्रतिशत गिरकर 75,364.69 अंक पर बंद हुआ।
एशियाई बाजारों ऐसा रहा हाल
एशियाई बाजारों में जापान के निक्केई में 6 प्रतिशत, दक्षिण कोरिया के कोस्पी इंडेक्स में 4.50 प्रतिशत और चीन का शंघाई इंडेक्स में 6.50 प्रश की गिरावट दर्ज की गई। हाँगकॉन्ग का हैंगसेंग 10 प्रतिशत लुढक़ कर कारोबार करता दिखा। गिरावट से अमेरिका भी अछूता नहीं है। टैरिफ के एलान के बाद डॉव में 2,231 अंक या 5.5 प्रतिशत की गिरावट आई थी। कोविड काल के बाद यह अमेरिकी बाजार की सबसे बड़ी गिरावट थी। दरअसल अमेरिका ने भारत पर 26 प्रतिशत, वियतनाम पर 46, चीन पर 34, ताइवान पर 32, दक्षिण कोरिया पर 25, जापान पर 24 और यूरोपीय यूनियन पर 20 प्रतिशत जवाबी टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। ऐसे में मंदी की आहट सुनाई देने लगी है।