मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व वाली छत्तीसगढ़ सरकार के वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने ग्रेट सीजी की थीम पर बजट प्रस्तुत किया। उनका कहना है कि अमृत काल में विकसित छत्तीसगढ़ की नींव रखी गई है। वर्ष 2024-25 के लिए 01 लाख 47 हजार 500 करोड़ का बजट प्रस्तुत किया है। वित्त मंत्री ने विधानसभा में पहली बार पेपरलेस बजट प्रस्तुत करते हुए छत्तीसगढ़ के 3 करोड़ लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि देश 2047 में जब अपनी आजादी के 100 वर्ष पूरा करेगा, तब तक छत्तीसगढ़ भी विकसित राज्य बनकर खड़ा होगा। इस विजन को लेकर हमारी सरकार आगे बढ़ रहे हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि सीएम विष्णु देव साय के नेतृत्व में सुशासन का उदय हो चुका है। छत्तीसगढ़ की जनता ने कुशासन के खिलाफ सुशासन पर मुहर लगाकर हमें जनादेश दिया। लेकिन हमारे सामने चुनौतियां का घना अंधेरा था। प्रशासनिक तंत्र पटरी से उतरा था और हमें खजाना खाली मिला। महिलाएं असुरक्षित थीं और युवा हताश थे लेकिन हम अंधेरों के बीच उजाले की तलाश करने की ताकत रखते हैं।
कविताएं भी पढ़ीं
वित्त मंत्री ने कहा कि हमें विरासत में अंधेरा मिला लेकिन हम इससे लडऩे खड़े हुए। बच्चन की पंक्ति को उद्धृत करते हुए उन्होंने कहा-
पर किसी उजड़े हुए को फिर बसाना कब मना है,
है अंधेरी रात पर दीवा जलाना कब मना है।
वाजपेयी जी की पंक्तियां भी उन्होंने सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के प्रति अपनी प्रतिबद्धता बताई।
भारत कोई भूमि का टुकड़ा नहीं, यह जीता जागता राष्ट्र पुरुष है।
मुंगेली निवासी केदार परिहार की छत्तीसगढ़ी कविता भी उन्होंने बताते हुए कहा कि
‘‘मरके देवलोक झन जातेंव, कान्हु जनम झन पातेंव।
छत्तीसगढ़ ल छांव करे बर, मैं छानही बन जातेंव।।’’
बजट में यह रहा खास
- वित्त मंत्री ने मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के रामराज्य से बड़ा सुशासन का माडल पूरी दुनिया में कहीं नहीं मिलता। तुलसीदास जी ने हमें रामराज्य की अवधारणा बताई है। हम इसी आधार पर काम करेंगे।
-वित्त मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को 2047 में विकसित बनाने का लक्ष्य रखा है। दूसरे राज्यों के साथ स्वस्थ प्रतिस्पर्धा करते हुए भारत को विकसित बनाने के लिए महायज्ञ में छत्तीसगढ़ भी अपनी आहूति देगा और वर्ष 2047 तक हम छत्तीसगढ़ को विकसित राज्य बनाएंगे।
-वित्त मंत्री ने बताया कि इस लक्ष्य को प्राप्त करने हमने 10 पिलर्स तैयार किये हैं। इन पिलर्स में पहला पिलर ज्ञान है। यह हमारे आर्थिक विकास का बिन्दु है। ज्ञान अर्थात गरीब, युवा, अन्नदाता तथा नारी शक्ति के विकास पर काम। नेल्सन मंडेला का उद्धृत करते हुए उन्होंने कहा कि किसी देश को तबाह करने बारूद और मिसाइल की जरूरत नहीं, शिक्षा की गुणवत्ता को खराब करना और परीक्षा में भ्रष्टाचार ही देश को बर्बाद करने पर्याप्त है। - अर्थव्यवस्था के सेवा क्षेत्र में नई संभावनाओं पर जोर है। इसमें इको टूरिज्म सर्किट, हेल्थ डेस्टिनेशन, वेडिंग डेस्टिनेशन, बिजनेस टूरिज्म, कांफ्रेंस डेस्टिनेशन, आईटी सेक्टर आदि की स्थापना शामिल।
- बस्तर सरगुजा की ओर देखो। एयर कनेक्टिविटी बढ़ाने और इको टूरिज्म, नैचुरोपैथी के लिए काम होगा। बस्तर में लघु वनोपजों का प्रसंस्करण और सरगुजा में उद्यानिकी एवं मछलीपालन की संभावनाओं पर काम होगा।
- डिसेंट्रलाइज्ड डेवलपमेंट पाकेट्स पर काम होगा। नवा रायपुर में प्लग एंड प्ले मॉडल पर आईटी आधारित रोजगार सृजन होगा। नवा रायपुर में लाइवलीहुड सेंटर ऑफ एक्सीलेंस और दुर्ग जिले में सेंटर ऑफ इंटरप्रेन्योरशिप स्थापित स्टेट कैपिटल रीजन के रूप में विकसित किया जाएगा। इस क्षेत्र को विश्वविस्तरीय आई.टी. सेक्टर, वेडिंग डेस्टीनेशन, एजुकेशन एवं हेल्थ डेस्टीनेशन के रूप में विकसित किया जाएगा। औद्योगिक जिलों में इसी के अनुरूप विकास तथा कृषि प्रधान जिलों में कृषि आधारित विकास को बढ़ावा दिया जाएगा।
-वित्त मंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ की बोली-भाषा, तीज त्यौहार, साहित्य को आगे बढ़ाने कटिबद्ध हैं। प्रतिबद्धता और समर्पण के साथ कार्य कर हम विकसित छत्तीसगढ़ का निर्माण करेंगे।
-ग्रामीण घरों को जल से आपूर्ति हेतु 4 हजार 500 करोड़ रुपए, दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषि मजदूर योजना के लिए 500 करोड़ का प्रावधान है।
-श्री रामलला दर्शन योजना के लिए 35 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा गया है। राजधानी क्षेत्र के विकास हेतु विस्तृत योजना बनाई जाएगी। छत्तीसगढ़ उद्यम क्रांति योजना की क्रियान्वयन के लिए प्रावधान है।
-इनवेस्ट छत्तीसगढ के आयोजन के लिए 5 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। 5 शक्तिपीठों की विकास की विस्तृत योजना बनाने के लिए 5 करोड़ रुपए की प्रावधान है।