क्रिकेट जगत में एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) टेस्ट क्रिकेट के स्वरूप में एक क्रांतिकारी परिवर्तन करने की तैयारी में है। जानकारी के अनुसार, ICC जल्द ही चार दिवसीय टेस्ट मैच को अनिवार्य करने के नियम को लागू कर सकता है। यह कदम खेल को अधिक आकर्षक बनाने और व्यस्त क्रिकेट कैलेंडर को समायोजित करने के उद्देश्य से उठाया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक, ICC 2027-2031 के अगले फ्यूचर टूर्स प्रोग्राम (FTP) चक्र से चार दिवसीय टेस्ट मैच को लागू करने पर विचार कर रहा है। हालांकि, इस नियम में एक महत्वपूर्ण अपवाद भी होगा। क्रिकेट की तीन बड़ी टीमें – भारत, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया को इस नियम से छूट मिल सकती है, और वे अपनी इच्छा अनुसार पांच दिवसीय टेस्ट मैच खेलना जारी रख सकेंगी।
- यह प्रस्ताव लंबे समय से चर्चा में है, खासकर क्रिकेट कैलेंडर के बढ़ते दबाव और टेस्ट क्रिकेट को और अधिक रोमांचक बनाने की आवश्यकता के मद्देनजर। चार दिवसीय टेस्ट मैच से मैचों के परिणाम की संभावना बढ़ जाती है, जिससे दर्शक जुड़ाव भी बढ़ सकता है। यह broadcasters के लिए भी अधिक आकर्षक हो सकता है क्योंकि यह मैच को कम समय में समाप्त करने की गारंटी देता है।
- आईसीसी का मानना है कि चार दिवसीय टेस्ट मैच छोटे टेस्ट खेलने वाले देशों के लिए अधिक व्यवहार्य होगा, क्योंकि इससे लॉजिस्टिक्स और खर्च कम होगा। वहीं, भारत, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के लिए, जिनकी टेस्ट क्रिकेट में एक लंबी और समृद्ध परंपरा है, को पांच दिवसीय प्रारूप को बनाए रखने की अनुमति देकर खेल की विरासत को भी संरक्षित करने का प्रयास किया जा रहा है।
- हालांकि, इस प्रस्ताव को लेकर क्रिकेट जगत में मिश्रित प्रतिक्रियाएं हैं। कुछ विशेषज्ञ इसे खेल के भविष्य के लिए आवश्यक मानते हैं, जबकि कुछ का मानना है कि यह टेस्ट क्रिकेट के पारंपरिक स्वरूप और उसकी आत्मा को नुकसान पहुंचाएगा। ICC की अगली बैठक में इस प्रस्ताव पर अंतिम मुहर लगने की संभावना है, जिसके बाद आधिकारिक घोषणा की जाएगी।