छत्तीसगढ़ के दंडकारण्य क्षेत्र में सुरक्षाबलों को नक्सलियों के खिलाफ बड़ी सफलता मिली है। शुक्रवार को कुल 208 नक्सलियों ने हथियार डालकर मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया। आत्मसमर्पण करने वालों में 110 महिलाएं और 98 पुरुष नक्सली शामिल हैं, जिनमें कई बड़े कैडर के सदस्य भी बताए जा रहे हैं।
उत्तरी बस्तर नक्सल मुक्त होने की ओर:
इस बड़े आत्मसमर्पण को छत्तीसगढ़ में ‘लाल आतंक’ पर एक निर्णायक प्रहार माना जा रहा है। पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि इसके साथ ही अबूझमाड़ का अधिकांश हिस्सा नक्सली प्रभाव से मुक्त हो जाएगा और उत्तरी बस्तर में नक्सल गतिविधियों का लगभग अंत हो गया है। अब सुरक्षाबलों का अभियान केवल दक्षिणी बस्तर पर केंद्रित होगा, ताकि पूरे राज्य को नक्सल मुक्त बनाया जा सके।
मुख्यमंत्री ने किया स्वागत:
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस दिन को ऐतिहासिक बताते हुए कहा, “आज बहुत बड़ी संख्या में नक्सली हमारे संविधान पर विश्वास करते हुए विकास की धारा से जुड़ने जा रहे हैं। उनका स्वागत है।” आत्मसमर्पण करने वाले इन नक्सलियों को अब सरकार की पुनर्वास योजना का लाभ मिल सकेगा।
हथियारों का जखीरा सौंपा गया:
आत्मसमर्पण के दौरान नक्सलियों ने कुल 153 अत्याधुनिक हथियार भी अधिकारियों को सौंपे। सौंपे गए हथियारों में शामिल हैं:
हथियार का प्रकार | संख्या |
एके-47 राइफल | 19 |
एसएलआर राइफल | 17 |
इंसास राइफल | 23 |
इंसास एलएमजी | 1 |
.303 राइफल | 36 |
कार्बाइन | 4 |
बीजीएल लॉन्चर | 11 |
अन्य (शॉट गन/पिस्तौल) | 42 |
कुल हथियार | 153 |